लगातार पिछले डेढ़-दो सालों से एमसीडी के कर्मचारी तनख्वाह के लिए परेशान: दुर्गेश पाठक
- कोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को आदेश दिया है कि यदि कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी तो आपके खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोड कर देंग- दुर्गेश पाठक
- भाजपा की एमसीडी एक-एक पार्षद को 2 करोड़ दे रही है लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह देने के नाम पर उन्हें सांप सूंघ जाते हैं- दुर्गेश पाठक
- यदि भाजपा से तनख्वाह नहीं दी जा रही है तो उसे एमसीडी में बने रहने का कोई हक नहीं है, भाजपा को इस्तीफा दे देना चाहिए- दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली 8 मई 2021
आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने शनिवार को बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा की एमसीडी कोरोना की इस गंभीर स्थिति में भी अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे रही है। लगातार पिछले डेढ़-दो सालों से एमसीडी के कर्मचारी तनख्वाह के लिए परेशान हैं। भाजपा एक-एक पार्षद को 2 करोड़ दे रही है लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह देने के नाम पर उन्हें सांप सूंघ जाते हैं। कुछ दिनों पहले कोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को आदेश दिया है कि यदि कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी तो आपके खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोड कर देंग। दुर्गेश पाठक ने इसे क्रिमिनल एक्ट बताया और कहा कि यदि आप से तनख्वाह नहीं दी जा रही है तो आपको एमसीडी से इस्तीफा दे देना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि आज पूरी दिल्ली कोरोना से जंग लड़ रही है। आज दिल्ली का हर एक व्यक्ति कोरोना से युद्ध लड़ रहा है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल जी की सरकार लगातार कोशिश में लगी हुई है कि दिल्ली के नागरिकों की जान बचाई जाए। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी वही अपना क्रूर रवैया, मानवीय रवैया चला रही है। आपने देखा होगा कि पिछले डेढ़-दो सालों से एमसीडी के कर्मचारी, जो दिल्ली की गलियों की सफाई करते हैं, जो दिल्ली को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं, वो नर्स और डॉक्टर जो कोरोना काल में लड़ रहे हैं, वो टीचर जो वैक्सीनेशन में मदद कर रहे हैं, उन्हें तनख्वाह नहीं मिली है।
दुर्गेश पाठक ने कहा, आपने देखा होगा कि पिछले डेढ़-दो सालों से लगातार यह समस्या आ रही है। भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में लगातार यह दिक्कत आ रही है कि यह अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं। हर बार यह एक ही आरोप लगाते हैं कि दिल्ली सरकार नहीं दे रही है। जबकि यह कोर्ट में भी साबित हो चुका है कि दिल्ली सरकार पर एमसीडी का कोई बकाया नहीं है। अभी कुछ दिनों पहले कोर्ट ने आदेश दिया है, नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को बोला है कि आपके खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोड कर देंगे यदि आपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी। कितनी ही बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को डांटा है कि एमसीडी के कर्मचारियों को तनख्वाह दीजिए लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता इतने बेशर्म हैं कि वह कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं जारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, आज कोरोना के समय में जब लोगों के व्यापार बंद हैं, लोग पूरी तरह से परेशान हैं, ऐसे समय में एमसीडी के कर्मचारियों को तनख्वाह न देना, मेरे हिसाब से यह किसी क्रिमिनल एक्ट से कम नहीं है। भारतीय जनता पार्टी सिर्फ और सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों से भागती है। उनके सभी नेता हर बार चोरी में लगे रहते हैं। आज देखिए कि उनके पार्षद किस तरह से अमीर होते चले जा रहे हैं। इनके पास पैसे नहीं है लेकिन अपने पार्षदों की सैलरी बढ़ाते चले जा रहे हैं। पार्षदों का फंड बढ़ा रहे हैं। एक-एक पार्षद को 2 करोड़ दे रहे हैं लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह देने के नाम पर उन्हें सांप सूंघ जाते हैं। वे कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं देते हैं। इनको पता है कि अब एमसीडी में इनके केवल 6-7 महीने बचे हुए हैं और इन 6-7 महीनों के कारण भारतीय जनता पार्टी की एक पूरी की पूरी मशीनरी लगी है कि किस तरह से एमसीडी को पूरी तरह से लूट लिया जाए।
भाजपा से इस्तीफे की मांग करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा, मैं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से हाथ जोड़कर प्रार्थना करना चाहता हूं इस विपदा के समय में आप एमसीडी के कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। इस विपदा की स्थिति में आप अपने भ्रष्टाचार के कारण लोगों को परेशान मत कीजिए। आप उन्हें तनख्वाह दीजिए और यदि आप से तनख्वाह नहीं दी जा रही है तो आपको एमसीडी में बने रहने का कोई हक नहीं है, आपको इस्तीफा दे देना चाहिए, आपको एमसीडी छोड़ देनी चाहिए। पिछले 15 सालों से आप एमसीडी के अंदर हैं लेकिन अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं तो इससे ज्यादा शर्म की बात नहीं हो सकती है। आपको एमसीडी छोड़ देना चाहिए, आपको एमसीडी में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।