Header advertisement

संजय सिंह के आवास पर हमला, राम मन्दिर निर्माण ट्रस्ट पर चन्दा चोरी के लगाए थे आरोप

संजय सिंह के आवास पर हमला, राम मन्दिर निर्माण ट्रस्ट पर चन्दा चोरी के लगाए थे आरोप

नई दिल्ली
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गये ट्रस्ट पर घोटाले का आरोप लगाने वाले आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर मंगलवार दिन में हमला हुआ। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी। संजय सिंह ने ट्वीट किया

“मेरे घर पर हमला हुआ है और चाहे मेरी हत्या कर दो, मगर कान खोलकर सुन लो भाजपाइयों प्रभु श्री राम के नाम पर बनने वाले मंदिर में चंदा चोरी नही करने दूँगा इसके लिए चाहे मेरी हत्या हो जाये।”

संजय सिंह ने कहा मैं बहुत साफ़ तौर पर भाजपा सरकार और उसके गुंडों से कहना चाहता हूँ कि आप चाहे जितने हमले करवा लो। चाहे मेरी हत्या करवा लो,लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर बनने वाले मंदिर में अगर चन्दा चोरी करोगे तो एक बार नही,हज़ार बार बोलूँगा। ये 115 करोड़ हिंदुओं का अपमान है, ये उन करोड़ो राम भक्तों का अपमान है,जिन्होंने अपना पेट काट कर प्रभु श्रीराम के भव्य मन्दिर के निर्माण के लिए चन्दा दिया है। अगर इस चन्दे में चोरी हो रही है तो बार-बार सवाल उठाऊंगा। चन्दा चोरों को पकड़ कर जेल में डालने की कार्यवाई होनी चाहिए।


आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर ज़मीन खरीदने में घोटाला करने के आरोप लगाते हुये कहा था कि राम मंदिर ट्रस्ट के नाम पर चम्पत राय ने करोड़ों रुपए चम्पत कर दिये हैं।


संजय सिंह ने कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा था कि कुसुम पाठक और हरीश पाठक की 5 करोड़ 80 लाख की ज़मीन रवि मोहन तिवारी एवं सुल्तान अंसारी द्वारा मात्र 2 करोड़ में खरीदी गई। इसके गवाह बने अनिल मिश्र और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय। अयोध्या में गाटा संख्या 243,244,246 की यह भूमि सदर तहसील क्षेत्र के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि इसके बाद उस जमीन को चम्पत राय ने तुरन्त रवि मोहन तिवारी एवं सुल्तान अंसारी से राम मंदिर ट्रस्ट के नाम पर 18.50 करोड़ में खरीद ली। जिसके बाद अनिल मिश्रा और ऋषिकेश उपाध्याय फिर से खरीदी के गवाह बनाए गए।
संजय सिंह ने सवाल किया था कि जो जमीन 2 करोड़ में खरीदी गई थी, उसी जमीन को साढ़े अट्ठारह करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट के नाम से क्यों खरीदी गई?न

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *