अबसार अली
मेरठ। टेलीविजन, चैनल, प्राईवेट एफएम चैनल व कम्युनिटी रेडियो स्टेशन पर दिखाई जाने वाली सामग्री की निगरानी के लिए गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति की प्रथम बैठक अपर जिलाधिकारी नगर के कार्यालय कक्ष में आहूत हुयी। बैठक की अध्यक्षता करते हुये अपर ज़िलाधिकारी नगर अजय तिवारी ने कहा कि समिति का बड़ा व्यापक रोल है। इसमें कोई भी आमजन अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
अपर ज़िलाधिकारी नगर अजय तिवारी ने बताया कि यह समिति आमजन को एक फोरम उपलब्ध करायेगी। जिसमें वह किसी टेलीविजन/चैनल या प्राईवेट एफएम चैनल या कम्युनिटी रेडियो स्टेशन पर दिखाई जाने वाली सामग्री के विषय में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। उन्होने बताया कि समिति का कार्य स्थानीय स्तर पर केबल टेलीविजन चैनलो द्वारा प्रसारित सामग्री पर नजर रखना तथा यह सुनिश्चित करना कि कोई गैर-प्राधिकृत अथवा पाइरेटिड चैनल न चलाया जा रहा हो और यदि केबल टेलीविजन आपरेटरो द्वारा स्थानीय समाचार प्रसारित किये जा रहे हो तो केबल स्थानीय घटनाओ के बारे में सूचना देने तक ही सीमित हो।
अपर ज़िलाधिकारी नगर अजय तिवारी ने बताया कि समिति के अन्य विभिन्न कार्यों में केबिल नेटवर्क पर फ्री-टू-एयर चैनलो तथा अनिवार्य प्रसारण के लिए अधिसूचित चैनलों (दूरदर्शन, लोकसभा व राज्यसभा) की उपलब्धता पर निगरानी रखना तथा समिति यह सुनिश्चित करेंगी कि मल्टी सिस्टम आॅपरेटर (एमएसओ) व लोकल केबल आॅपरेटर (एलसीओ) वैध पंजीकरण के साथ संचालित हो।
अपर ज़िलाधिकारी नगर अजय तिवारी ने बताया कि समिति राज्य व केन्द्र सरकार को तुरन्त सूचित करेगी यदि कोई प्रोग्राम शांति व्यवस्था प्रभावित कर रहा हो या किसी समुदाय में विद्रोह की भावना उत्पन्न कर रहा हो। उन्होने कहा कि समिति यह सुनिश्चित करेगी कि प्राईवेट एफएम चैनल व कम्युनिटी रेडियो स्टेशन एयर ब्राडकास्ट कोड का पालन कर रहे है।
उन्होंने बताया कि केबिल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 की धारा 5 व धारा 6 के अंतर्गत क्रमशः निर्धारित कार्यक्रम कोड व निर्धारित विज्ञापन कोड को ध्यान में रखकर ही किसी कार्यक्रम व विज्ञापन का प्रसारण किया जाना चाहिए तथा ऐसे कार्यक्रम/विज्ञापन जो किसी धर्म/प्रजाति, भाषा, जाति या समुदाय या किसी भी अन्य आधार पर भिन्न-भिन्न धार्मिक व प्रजातिय, भाषागत या क्षेत्रीय दलो या जातियो या समुदायो के बीच असमरसता या शत्रुता, घृणा की भावना या दुर्भावना फैलाता हो अथवा जो भी सार्वजनिक शांति को भंग कर सकता हो, ऐसे कार्यक्रमो व विज्ञापनो के संदर्भ में साथ ही ऐसे विज्ञापन/कार्यक्रम जिसमें महिलाओ व बच्चो को गलत रूप में प्रस्तुत किया गया हो के संदर्भ में भी अपनी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि केबिल टेलीविज़न नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 की धारा-3, 4( A ), 5, 6 व 8 के उल्लंघन पर दण्ड का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि धारा-16 के अंतर्गत प्रथम उल्लंघन पर दोषी पाये जाने पर अधिकतम दो वर्ष का कारावास या एक हजार रूपये जुर्माना या दोनो तथा द्वितीय उल्लंघन पर दोषी पाये जाने पर अधिकतम पांच वर्ष का कारावास व पांच हजार रूपये जुर्माने का प्रावधान है।
इस अवसर पर समिति के सदस्य प्राचार्य आरजी पीजी डिग्री कालेज दीपशिखा, बच्चो के कल्याणार्थ कार्य कर रही एनजीओ की प्रतिनिधि अनीता राणा, महिलाओं के कल्याणार्थ कार्य कर रही एनजीओ की प्रतिनिधि ममता गर्ग, प्रवक्ता मनोविज्ञान, आरजी पीजी डिग्री कालेज सुनीता सिंह, पत्रकार-दूरदर्शन संगीता श्रीवास्तव व सदस्य सचिव समिति जिला सूचना अधिकारी आषुतोष चन्दोला उपस्थित रहे।
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