उत्तर प्रदेश
कहते हैं कि क़िस्मत से कोई नही जीत सकता। इसका नज़ारा उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणामों के दौरान देखने को मिला। जहाँ प्रत्याशी चुनाव की बाजी तो जीत गये लेकिन ज़िन्दगी की बाजी हार गए। मौत उनकी प्रधानी के आगे आकर खड़ी हो गयी। जिससे उम्मीदवार जीतने के बावजूद प्रधानी नही सम्भाल सके।
ग्राम पंचायत नगला ऊसर से प्रधान के लिए पिंकी देवी पत्नी सुभाष चंद्र ने चुनाव लड़ा था। मतदान भी सकुशल संपन्न हुआ था, लेकिन बीते बुधवार को अचानक उनकी हालत खराब हो गई थी। सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उपचार के दौरान उनकी बृहस्पतिवार को मौत हो गई थी। इसके बाद रविवार को मतों की गणना हुई। मतगणना में पिंकी देवी ने जीत दर्ज की। उन्हें कुल 388 वोट मिले। वहीं उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी चंद्रावती को 273 वोट मिले। ऐसे में पिंकी देवी ने 115 वोटों से जीत दर्ज की, लेकिन उनकी पहले की मौत हो जाने से समर्थक और परिजन मायूस नजर आए। मतगणना परिणाम आने के बाद अभिकर्ता नम आंखों से लौट गए।
चूंकि पिंकी देवी की मौत पहले ही हो चुकी है इसलिए परिणाम घोषित होने के बाद भी यहां फिर से चुनाव कराया जाएगा।
वाराणसी के पिंडरा ब्लॉक के नंदापुर के ग्राम प्रधान की सुनरा देवी ने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी को 3 मतों से हराकर जीत हासिल की। लेकिन जीत की खुशी उनके लिए मौत लेकर आई। जीत की सूचना मिलते ही आईसीयू में भर्ती सुनरा देवी की मौत हो गई। सुनरा देवी को 294 मत तथा प्रेमशीला को 291 मत मिला। मृत प्रधान सुनरा देवी का प्रमाणपत्र उनके पुत्र अजय यादव ने लिया।
अमरोहा के गंगेश्वरी विकास खंड के गांव खनौरा में प्रधान पद की प्रत्याशी सविता पत्नी राजकुमार 165 वोट से चुनाव जीतीं लेकिन यह बदकिस्मती रही कि शुक्रवार रात उनका कोराना की वजह से निधन हो गया। आज उनकी जीत के ऐलान के बाद भी परिवार खुशी से दूर गम में डूबा रहा। देवरिया के विकास खण्ड भागलपुर की ग्राम पंचायत कपूरी एकौना से प्रधान पद की प्रत्याशी विमला देवी (55) की रविवार की सुबह जिला अस्पताल में मौत हो गई जबकि दोपहर में आए चुनाव परिणाम में वह विजयी रहीं।
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