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ज़बरन गौहत्या क़ुबूल कराने के लिए आम व्यापारियों को अमरोहा पुलिस ने दी थर्ड डिग्री

ज़बरन गौहत्या क़ुबूल कराने के लिए आम व्यापारियों को अमरोहा पुलिस ने दी थर्ड डिग्री

अमरोहा
अमरोहा में पुलिस की बेहद शर्मनाक करतूत सामने आई है। यहाँ पर आम कारोबारियों ने नगर कोतवाली पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पुलिस उन्हें ज़बरन उठा कर ले आई और उनसे गौहत्या क़ुबूल कराने के लिए उन्हें टॉर्चर किया गया। पीड़ित का आरोप है कि उसकी दाढ़ी पकड़ कर खींची गयी और बुरी तरह पीटा गया। पीड़ितों ने एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन करके दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई की माँग की है। एसपी ने मामले की जाँच की बात कही है।


रविवार को नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला छंगा दरवाजा मुरादाबादी गेट निवासी वसीम, अरशद, फैजान, अब्दुल कादिर, वसीम अकरम, गुड्डू समेत तमाम लोग एकत्र होकर एसपी ऑफिस पहुंचे। यहां पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। कहा कि अधितर लोग आम की फसल लेकर बेचते हैं। आम की रखवाली के लिए रात-दिन बागों में रहते हैं। आरोप है कि शुक्रवार की रात करीब दस बजे मुरादाबाद चौकी इंचार्ज संदीप चौधरी अपने साथी सिपाही सतेंद्र, मनीष और अन्य सिपाहियों के साथ बाग में आ गए और मारपीट कर सभी को थाने ले आए। बाद में गाड़ी में डालकर वासुदेव चौकी ले गए और यहां पूरी रात पीटा। थर्ड डिग्री देकर प्रताड़ित किया। एक पीड़ित ने बताया कि दरोगा और एक सिपाही ने शराब पीकर उसकी दाढ़ी खींच कर दाढ़ी के बाल नोच लिए और उसे जान से मारने की धमकी देते हुये कहा कि क़ुबूल कर ले तूने बैल काटा है वर्ना मेरा तो ज़्यादा से ज़्यादा ट्रांसफर होगा लेकिन तुझे जान से मारे बिना नही छोड़ूंगा। पीड़ित ने बताया कि शराब पीकर बुरी तरह मारपीट करने के बाद सुबह 4 बजे उन्होंने हमें बेकसूर बता कर छोड़ दिया।
वहीं पुलिस कर्मियों ने तर्क दिया कि उन्हें शक है कि यह लोग बैल काटने वाले थे। आरोप है कि जिस घटना को पुलिस पीड़ितों से जोड़ रही थी, वो घटना बाग़ से दूसरे रास्ते की थी।
इंस्पेक्टर आरपी शर्मा ने बताया कि बाग में बैल काटने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस को पेड़ से बैल बंधा हुआ बरामद हुआ। जबकि तस्कर मौके से भाग निकले। जिसे दिशा में तस्कर भागे थे, उसकी तरफ कुछ लोग बैठे मिले। शक के आधार पर उनसे पूछताछ की गई थी। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। थर्ड डिग्री देने का आरोप गलत है।
पीड़ितों ने चोटों का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं एसपी ने जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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