नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दिल्ली के निज़ामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज़ से वापस लौटने वाले 52 व्यक्तियों का पता लगाने के लिए ‘गहन तलाशी अभियान’ शुरू करने का निर्देश दिया है, याचिकाकर्ता की, कथित रुप से निज़ामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज़ से छत्तीसगढ़ लौटे जिन 159 लोगों की सूची के आधार पर अदालत ने यह आदेश जारी किया है, उसमें 51 मुस्लिम और 108 ग़ैर-मुस्लिम हैं, दरअसल ये वे लोग हैं, जिनका नाम छत्तीसगढ़ सरकार को भेजी गई 159 नामों की उस सूची में शामिल है, जिनका मोबाइल फोन 13 से 16 मार्च के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में उस मरकज के आस पास एक्टिव था, जो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बड़ी संख्या मिलने के बाद देशभर में चर्चा में है, जबकि सोशल मीडिया पर इसको लेकर तमाम तरह के फर्जी पोस्ट किए जा रहे थे और भ्रामक जानकारियां शेयर की जा रही हैं, अभी भी सोशल मीडिया पर जमात मरकज को लेकर कई झूठी और भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही हैं,
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की पीठ ने गुरुवार को कोविड-19 से जुड़े कई मामलों की एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की गई सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किया, कोविड-19 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से यह जानकारी पेश की गई कि नई दिल्ली के निज़ामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज़ में भाग लेने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में लौटे लोगों की जाँच नहीं की गई है,
159 की सूची में 108 गैर मुस्लिम –
बीबीसी के एक रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता के वकील गौतम क्षेत्रपाल ने निज़ामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज़ से छत्तीसगढ़ लौटे 159 लोगों की जो सूची बीबीसी को उपलब्ध कराई है, उसमें 108 ग़ैर मुस्लिम हैं, इस सूची में सबका नाम, पता और सेलफ़ोन नंबर दर्ज है,
हमने इनमें से कुछ लोगों से बातचीत की, इनमें से अधिकांश लोगों का कहना था कि उनका तबलीगी जमात या इस्लाम धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, हालांकि सभी के सभी लोगों ने मार्च के दूसरे-तीसरे सप्ताह में दिल्ली की यात्रा की थी और दिल्ली से लौटने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कहने पर होम क्वारंटाइन में हैं,
राज्य सरकार ने दी जानकारी –
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए राज्य नोडल अधिकारी (होम क्वारंटाइन और मीडिया प्रभारी) डॉ अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि ‘159 लोगों की सूची में उन लोगों का नाम है, जिनका मोबाइल लोकेशन तबलीगी जमात के दौरान मरकज के आस पास था, इसका कतई ये मतलब नहीं है कि वे भी जमात का हिस्सा थे, लेकिन सूची मिलने के बाद एहतियात के तौर पर इनकी व इनसे संपर्क में आए लोगों की जांच की गई है, इनकी सेहत के आधार पर इन्हें आइसोलेट व क्वारंटाइन किया गया है, जो दिल्ली से होकर छत्तीसगढ़ आए हैं, इनमें भिलाई के 8 लोग, कोरबा में 15, कटघोरा में 13, अंबिकापुर में 15 जमाती हैं, लेकिन ये 10 मार्च से पहले ही यहां पहुंच चुके थे, इनके अलावा अंबिकापुर के 7 लोगों की जानकारी भी मिली है, जो मरकज में इस दरमियान गए थे, इन सभी की जानकारी प्रशासन को दे दी गई है और इनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया, इनके अलावा करीब दो महीने पहले महाराष्ट्र के चन्द्रपुर में हुई जमात से लौटे 7 सदस्यों को दुर्ग और कांती से आई जमात के 12 सदस्यों को कटघोरा में आइसोलेट किया गया है,
सीएम ने कहा- नहीं है कोई लापता
तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को लेकर राज्य सरकार से
भ्रम की स्थिति स्पष्ट करने के लिए सोशल मीडिया में कई सवाल किए गए,
इसके बाद 10 अप्रैल
को राज्य सरकार के जनसम्पर्क विभाग की ओर से सीएम भूपेश बघेल का एक बयान जारी किया
गया, जिसमें
लिखा था- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि निजामुद्दीन मरकज से छत्तीसगढ़ लौटे
तबलीगी जमात के लोगों में कोई भी मिसिंग नहीं है, वहां से 107 लोग वापस आए थे, उन सबकी पहचान कर ली गयी है,
उन्हें क्वॉरंटाइन में रखा गया है तथा उनके सेम्पल ले लिए गए हैं,
वे लोग जिनके सम्पर्क में आए थे ट्रेवल हिस्ट्री निकाली जा रही है,
सीएम भूपेश ने कहा कि आन्ध्रप्रदेश की एसआईबी ने
मोबाइल टावर के डाटा के आधार पर 159 लोगों
की सूची जारी कर दी थी, जो
सही नहीं थी,
इसमें से कुछ ऐसे लोगों के नाम भी शामिल थे, जो
केवल वहां से गुजरे थे और उनके नाम दर्ज हो गए, ये लोग मरकज में नहीं गए थे,
बाद में भारत सरकार से मरकज में गए लोगों की जानकारी ली गयी, जिनमें 107
लोग ही शामिल थे,
बीबीसी की रिपोर्ट में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव विशेषज्ञों का हवाला देते हुये कहते हैं कि हम संक्रमण के मामले में अमरीका से महीने भर पीछे हैं, इस तरह से देखें तो अप्रैल के अंत और मई के प्रथम सप्ताह तक संक्रमण के ऐसे मामले और बढ़ने की आशंका है, इसका तबलीगी जमात से कोई लेना-देना नहीं है,
सिंह देव कहते हैं, “भारत सरकार से पहले 158 लोगों की सूची आई, इसके बाद 194 लोगों की सूची आई, इसमें वे नाम थे, जो निज़ामुद्दीन के आसपास के टावर से लोकेट किये गये थे, इनमें कई नाम ऐसे हैं, जिनका तबलीगी जमात से कोई लेना-देना नहीं है, इनमें सात लोग छत्तीसगढ़ नहीं आये, इसके अलावा जितने भी लोग थे, उन सबकी हम लोगों ने जाँच की है, हाईकोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई रखी है, उस दिन हम ये सारी जानकारियां अदालत के समक्ष पेश करेंगे,”
आभार- बीबीसी