नई दिल्ली : इस बार संसद के मानसून सत्र में शून्य काल और प्रश्न काल नहीं होने पर पूरे विपक्ष ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है और लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाया है, लोकसभा व राज्यसभा सचिवालयों ने बुधवार को नोटिफिकेशन जारी कर संसद के मानसून सत्र की जानकारी दी है, नोटिफिकेशन में कहा गया है कि मानसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगा, इसके तहत सुबह 9 बजे से दोपहर बाद 1 बजे तक राज्यसभा और दोपहर बाद 3 बजे से शाम के 7 बजे तक लोकसभा की बैठकें होंगी.
नोटिफिकेशन की जिस बात से विपक्ष गुस्से में है वह यह है कि इस बार शून्य काल नहीं होगा न ही प्रश्न काल होगा, इसके अलावा प्राइवेट मेम्बर के लिए कोई दिन निश्चित नहीं किया गया है, नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘सत्र के दौरान प्रश्न काल नहीं होगा, कोविड-19 की ख़ास स्थितियों को देखते हुए मोदी सरकार के इस आग्रह को मान लिया गया है और स्पीकर ने कहा है कि प्राइवेट मेम्बर के कामकाज के लिए अलग से कोई दिन न रखा जाए,’ पूरे विपक्ष ने इसका विरोध किया है, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस व डीएमके समेत कई राजनीतिक दलों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि लोकतंत्र की हत्या है.
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर कहा कि ‘लोकतंत्र की हत्या के लिए महामारी एक बहाना है, उन्होंने कहा, सांसदों को प्रश्न काल के 15 दिन पहले ही सवाल देने होते हैं, सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है, तो क्या प्रश्न काल रद्द हो गया? विपक्ष के सांसदों को सरकार से सवाल पूछने का हक नहीं रहा? 1950 के बाद से यह पहली बार हो रहा है, डीएमके सांसद कानीमोडी ने ट्वीट किया, ‘संसद के पूरे सत्र के लिए प्रश्न काल को रद्द कर बीजेपी सरकार एक ही संकेत देना चाहती है-चुने हुए प्रतिनिधियों को भी सरकार से सवाल पूछने का अधिकार नही है.’
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिख कर गुजारिश की थी कि प्रश्न काल रद्द न किया जाए, दूसरी ओर, ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि संसद का मानसून सत्र असाधारण स्थितियों में हो रहा है और सामान्य दिन का कामकाज आधे समय में नहीं हो सकता, बता दें कि प्रश्न काल में कोई भी सदस्य सरकार से तारांकित व अतारांकित सवाल पूछ सकता है, सदस्यों को दो पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार भी है, अतारांकित प्रश्नों का लिखित जवाब संबंध विभाग के मंत्री को देना होता है. प्रश्न काल में कोई भी सदस्य स्पीकर की अनुमति लेकर कोई भी महत्वपूर्ण सवाल सरकार से पूछ सकता है.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई
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