एआईसीटीई ने की- हैप्पीनेस रैंकिंग अवॉर्ड्स की घोषणा
दिल्ली। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी .जी. सीतारमण ने आगामी हैप्पीनेस रैंकिंग एंड अवॉर्ड की घोषणा की है। इसी के चलते वाईओएल-हैप्पीनेस प्रोग्राम के फाउंडर योगी कोचर के साथ हुई बातचीत में उन्होंने उच्च शिक्षा क्षेत्र में क्रेडिट को कोर्स के रूप में अपनाने की और उसकी पेशकश करने की विधिवत मंजूरी दी। उन्होंने योगी कोचर के साथ हैप्पीनेस प्रोग्राम की व्यापकता एवं स्केल को बड़े पैमाने विस्तारित करने की भी बात कही।
इन पुरस्कारों का आयोजन एआईसीटीई के वाईओएल टीम ने किया है। यहां पर भारत के सभी उच्च शिक्षा वाले संस्थानों को आवेदन के लिए आमंत्रित किया गया है।
सभी 10000 से अधिक हायर और टेक्निकल इंस्टीट्यूट के लिए जारी किए गए एक वीडियो रिलीज में, योगी ने कहा कि एआईसीटीई ने प्रतिदिन के 6 घंटे के स्क्रीन टाइम को लेकर प्रधानमंत्री के सामने चिंता का मुद्दा उठाया है, क्योंकि इससे दिमाग की सोच-समझ पर बहुत ही बुरा असर होता है। (बीएएनएआई) और दुनिया भर में हुए शोध दर्शाते हैं कि इसका मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव होता है।
उन्होंने आगे कहा कि टेक्नॉलजी एक शानदार टूल है, हालांकि यह वरदान या अभिशाप दोनों हो सकती है। कुछ लोकप्रिय सोशल मीडिया कंपनियों के ट्रिलियन डॉलर वैल्यूएशन ने 1 बिलियन भारतीयों के माइंड शेयर को 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर या उनके वैल्यूएशन के 40% तक सीमित कर दिया है. हम भारतीय लोगों की बुद्धिमत्ता ही हमारी महत्वपूर्ण पूंजी है और भारतीयों के लिए आज जरूरी है कि वह अपनी सोच समझ को दिमाग की उपज को सुरक्षित रखें और दिमाग के विकास पर ध्यान दें।
इस बारे में बात करते हुए प्रोफेसर टी.जी सीतारमण ने कहा कि ब्रेन ड्रेन से बचाव के लिए वाईओएल बन लाइफ ऑन हैप्पीनेस नाम के इस ऐप को मंजूरी दी गई है, इस अनोखे ऐप को एआईसीटीई ने अनुमोदित किया है और अब इसे संस्थानों में जारी किया जा रहा है, ताकि हमारे सभी छात्र इसका उपयोग कर सकें।
इस सत्र में संस्थानों को एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित वाईओएल हैप्पीनेस इंडेक्स पर रेटिंग दी जाएगी, हालांकि संस्थान इसे क्रेडिट के वैकल्पिक, मिश्रित या ऑडिट पाठ्यक्रम के रूप में अपना सकते हैं। इससे अटेंशन में आनेवाली कमी को रोकना संभव है और पढ़ाई गई सभी चीजों को अच्छे से आत्मसात करने में भी मदद होगी, और यह सभी विषयों और सेमेस्टर के सभी छात्रों के लिए उपयोगी है।
भारत को मिली खराब वर्ल्ड हैपिनेस रैंकिंग पर किए गए एक सवाल का जवाब देते हुए योगी ने कहा कि हम लाखों छात्रों की मदद से प्रतिस्पर्धा के साथ अगले साल की अच्छी एवं सटीक रैंकिंग का दावा कर सकते हैं।
हम इस नोट को गैलप इंक को भेजेंगे, जहां वर्ल्ड हैपिनेस रैंकिंग तौर पर केवल 3000 व्यक्तियों के सैंपल साइज पर सर्वेक्षण किया जाता है। इसी के आधार पर वे वर्ल्ड हैपिनेस रैंकिंग जारी किया जाता हैं। यहां पर हस्तक्षेप करने की बात उठानी चाहिए क्योंकि, हम उनके इस ऑप्टिकल बायस्ड नेस से पीड़ित हैं।
वाईओएल को योगेश कोचर और हरवंश चावला द्वारा बनाया गया है। योगेश कोचर माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में लीडरशिप टीम का हिस्सा रहे हैं और हरवंश चावला एक प्रतिष्ठित एवं ग्लोबल विधिवक्ता हैं। हरवंश ने अपने विचारों की प्रस्तुति में कहा कि यह ऐप हर छात्र के सोशल और इमोशनल लर्निंग के 9 पैरामीटर को संबोधित करेगा। इसे क्रेडिट के पाठ्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है। कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज इसे अपना रहे हैं।
जहां पर अब हमारे दिमाग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहां पर यह ऐप सीखने में बड़ी मदद करता है। यह मन के स्थायी आयामों को और लौकिक पहलुओं को मजबूत, सुदृढ़, गहरा और विस्तृत करता है। छात्र जहां वेब पर बेमतलब के यहां वहां घूमते हैं, उन्हें इसके द्वारा खुद से जुडने का अवसर मिलेगा और हम इसके लिए छात्रों को प्रोत्साहित करेंगे।