नई दिल्ली: कोरोना के बीच बीजेपी ने वर्चुअल रैली की शुरुआत की है, रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने पहली वर्चुअल रैली ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित किया, अपने संबोधन में शाह ने कहा कि बिहार में नीतीश के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनेगी, अब लालटेन से LED का समय आ गया है, लेकिन ये चुनावी सभा नहीं है, हमारा उद्देश्य देश के लोगों को जोड़ना है और कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना है,

अमित ने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता पीएम मोदी के साथ कोरोना की लड़ाई में चट्टान की तरह खड़ी है, देश का कोई भी कोना हो, उसके विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति के पसीने की महक है, जो लोग उन्हें अपमानित करते हैं वो प्रवासी मजदूरों के जज्बे को नहीं समझते हैं, पूर्व बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मैं परिवारवादी लोगों को आज कहता हूं कि अपना चेहरा आइना में देख लीजिए, 1990-2005 इनके शासन में बिहार की विकास दर 3,19 प्रतिशत थी, आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में ये 11,3 प्रतिशत तक विकास दर पहुंचाने का काम एनडीए की सरकार ने किया है,

देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App

अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी दोनों प्रसिद्धि करने में थोड़े से कच्चे हैं, वो रोड पर खड़े होकर थाली नहीं बजाते हैं, वो चुपचाप सहायता के लिए काम करने वाले लोग हैं, उनके नेतृत्व में बिहार सरकार ने बहुत अच्छे से ये लड़ाई लड़ी है, शाह ने कहा कि बिहार के लिए जो 1,25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज हमने दिया था तो उसे हमने वास्तविकता में बदलने का काम किया है, वहीं, अपने संबोधन के दौरान विपक्ष पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो, 10 साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9,5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की,

आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी, इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते, लेकिन प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here