नई दिल्ली : अन्ना हजारे ने मोदी सरकार के खिलाफ ‘अनशन’ शुरू करने की चेतावनी दी, हजारे की अन्य मांगों में कृषि लागत एवं सीएसीपी को स्वायत्ता प्रदान करना शामिल है,.

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अन्ना फरवरी 2019 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में अपने गांव रालेगण सिद्धि में उपवास पर बैठ गए थे.

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तत्कालीन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अन्ना लिखित आश्वासन दिया था कि केन्द्र सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों तथा अन्य कृषि संबंधी मांगों पर चर्चा के लिये उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी.

जिसके बाद उन्होंने अपना उपवास खत्म कर दिया था, तोमर को लिखे गए अन्ना के पत्र को पत्रकारों से साथ साझा किया गया है.

इसमें राधामोहन सिंह के उस पत्र को भी संलग्न किया गया है, जिसमें आश्वासन दिया गया था उच्च स्तरीय समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर 30 दिसंबर 2019 तक सौंप देगी.

अन्ना ने तोमर को लिखे पत्र में कहा, ‘केन्द्र ने आश्वासन दिया था कि मांगों को लेकर समिति की रिपोर्ट के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे.

क्योंकि तय तिथि तक कुछ नहीं हुआ है, इसलिये मैं पांच फरवरी 2019 को खत्म किया गया अनशन फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा हूं.’

अन्ना ने कहा कि जल्द ही सरकार को अनशन की तिथि और स्थान के बारे में बता दिया जाएगा, अन्ना ने सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आठ दिसंबर को किसान संगठनों के भारत बंद के दौरान उपवास रखा था.

उन्होंने सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता प्रदान करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में नाकाम रहने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी.

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