नई दिल्ली/मुंबई: एक समय राम मंदिर आंदोलन का सक्रिय हिस्सा रही शिवसेना ने मंदिर निर्माण को लेकर अलग रुख अपनाया है, राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह समय राम मंदिर और भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों को देखने का नहीं है, बल्कि कोरोना वायरस से लड़ाई का है, शिवसेना ने कुछ महीने पहले ही बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है, सांसद राउत ने कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान कोरोना से लड़ाई पर है, जो अवशेष मिलेंगे उन्हें देखने वाले और लोग हैं, अभी राम मंदिर, भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों को अलग रखना चाहिए, अभी देश के सामने सबसे बड़ा संकट कोरोना वायरस है और उस पर ध्यान देना चाहिए,’
दरअसल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम लॉकडाउन के चलते कुछ दिनों बंद रहने के बाद फिर से शुरू हो गया है, मंदिर के लिए जन्मभूमि स्थल की जमीन को समतल किया जा रहा है, समतलीकरण के दौरान बुधवार को वहां कई मूर्तियां, पुरातन और पौराणिक अवशेष मिले हैं, जो इस स्थान पर पहले एक मंदिर होने की ओर इशारा करते हैं,
दूसरी तरफ राम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण के दौरान मिलने वाले मंदिर के पुरावशेषों को राम मंदिर का प्रामाणिक तथ्य मानते हुए, वीएचपी ने कहा कि मंदिर स्थल के समतलीकरण में प्राचीन मंदिर के दुर्लभ पुरावशेष मिल रहे हैं, जो यह साबित करते हैं कि राम मंदिर को लेकर हिंदुओं का 76 साल का संघर्ष पूरी तौर पर साक्ष्यों और तथ्यों से परिपूर्ण रहा है