रामपुर
रामपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सपा सांसद आजम खान को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी के गेट तोड़ने सम्बंधी आदेश को बरकरार रखा है। तत्कालीन उपजिलाधिकारी द्वारा रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को सरकारी भूमि पर मानते हुये उसे तोड़ने के आदेश दिए गये थे। जिसके बाद आज़म ख़ान ने गेट को बचाने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपील दायर की थी। इस अपील को खारिज करते हुये कोर्ट ने गेट को तोड़ने का आदेश बरकरार रखा है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय पर 1 करोड़ 63 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यही नहीं, गेट को तोड़े जाने तक विवि को प्रत्येक महीने 4 लाख 55 हजार रुपए देने होंगे।
ज्ञात हो कि 2019 में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने अपनी शिकायत में आज़म खान के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को सरकारी जमीन पर होने की बात कही थी। इस मामले में एसडीएम कोर्ट ने जांच के बाद गेट तोड़ने के आदेश दिए थे। तब इसके खिलाफ आजम खान ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपील की थी। लगभग 2 साल बाद सोमवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आजम खान की अपील को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने तत्कालीन एसडीएम प्रेम प्रकाश तिवारी के मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने संबंधी आदेश को बरकरार रखा है।
इस संबंध में वादी आकाश सक्सेना ने बताया कि 2019 में हमारे द्वारा एक शिकायत की गई थी कि जौहर यूनिवर्सिटी का गेट सरकारी भूमि पर है। उसकी जो सड़क है, वह पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई है। लगभग 13 करोड़ लागत से वह सड़क बनवाई गई थी उस पर जौहर यूनिवर्सिटी का गेट बना हुआ था। सक्सेना ने कहा कि अतिक्रमण की वजह से गांव के लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है। मैं प्रशासन से मांग करता हूं सरकारी भूमि से उस गेट को तोड़ा जाए।
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