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बाबरी मस्जिद विध्वंस बरसी, बोले असदुद्दीन ओवैसी- ‘इस नाइंसाफी को कभी मत भूलना’

नई दिल्ली : बाबरी मस्जिद विध्वंस को आज 28 साल हो चुके हैं, इस मौके पर ओवैसी ने उस दिन को याद किया है, वहीं, उन्होंने ट्वीट के जरिए इस मस्जिद के बारे में आने वाली पीढ़ियों को बताए और सिखाए जाने की मांग की है.

खास बात है कि सालों पुराने मामले पर SC ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था, इसके अलावा अयोध्या में 6 दिसंबर को सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किए गए हैं, रविवार को किसी भी समुदाय के लोगों को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है.

ओवैसी ने लिखा, ‘अगली पीढ़ी को यह बताने और सिखाने का याद रखें कि 400 से ज्यादा सालों से हमारी बाबरी मस्जिद अयोध्या में खड़ी थी.

हमारे बुजुर्गों ने इसके हॉल में नमाज पढ़ी हैं, इसके मैदान में अपने रोजे तोड़े हैं और जब उनका इंतकाल हुआ, तो उन्हें पास के कब्रिस्तान में दफनाया गया.’

ओवैसी ने लिखा ‘1949 में 22-23 दिसंबर की रात में हमारी बाबरी मस्जिद को अपवित्र किया गया और 42 सालों के लिए कब्जे में कर लिया गया.’

ओवैसी ने लिखा ‘1992 में आज की इस तारीख पर हमारी मस्जिद को दुनिया के सामने ढहा दिया गया, इसके लिए जिम्मेदार लोगों ने एक दिन भी सजा नहीं भुगती.’

खास बात है कि दोनों ट्वीट में ओवैसी ने आखिर में लिखा है ‘इस नाइंसाफी को नहीं भूलना,’ ट्विटर हैंडल से की गई एक पोस्ट में भी कहा गया है ‘हमारी लड़ाई जमीन की नहीं बल्कि कानूनी अधिकार की थी, हमको भीख में कोई चीज नहीं चाहिए, हमारा जो हक है, हमें दे दो.’

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