नई दिल्ली। अमरोहा सांसद कुँवर दानिश अली ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में 2 फ़रवरी को लोक सभा में नियम 377 के अंतर्गत अमरोहा संसदीय क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं से संबंधित मुद्दा उठाया था। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इसका उत्तर दिया है।
सांसद दानिश अली ने कहा है कि गजेन्द्र सिंह ने अपनी जिम्मदारी राज्य सरकार पर डाली है। दानिश अली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार है। जो राज्य का विकास करने में असमर्थ है। कागजों में तो सरकार विकास पर विकास कर रही है। लेकिन धरातल पर विकास नदारद है। सरकार किसानों के प्रति कितनी उदासीन है।इनके उत्तर से पता चलता है।
सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने उत्तर में कहा है कि “सिंचाई परियोजनाओं की योजना, कार्यान्वयन और प्रबंधन, संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अपने स्वयं के संसाधनों और प्राथमिकताओं के अनुसार किया जाता है। भारत सरकार की भूमिका तकनीकी सहायता तथा चंद परियोजनाओं हेतु भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही मौजूदा योजनाओं के मानदंडों के अनुसार आंशिक वित्तीय सहायता प्रदान करने तक सीमित है। इसके अलावा, अंतर-राज्यीय नदी प्रणालियों पर प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के लिए जल शक्ति मंत्रालय के तहत केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन भी किया जाता है।”
शेखावत ने दानिश अली को दिए जवाब में लिखा “मुझे बताया गया है कि मध्य गंगा नहर परियोजना (द्वितीय चरण) का आंशिक वित्त पोषण इस मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (PMKSY-AIBP) के अंतर्गत किया जा रहा है। इस परियोजना पर करीब 81% कार्य पूरा हो चुका है। शेष कार्य का समापन भी राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 में ही लक्षित है, जिसका पूरा होने के पश्चात अमरोहा, मुरादाबाद और संभल जिले के 1.4 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई संभव हो सकेगा।
इसके अतिरिक्त, आपके द्वारा उल्लिखित अमरोहा संसदीय क्षेत्र में सिंचाई हेतू कोई प्रस्ताव इस मंत्रालय में विचाराधीन अथवा लंबित नहीं है। आप चाहें तो इस विषय पर राज्य सरकार से संपर्क कर सकते हैं।”
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