शमशाद रज़ा अंसारी
अमरोहा से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने भाजपा सरकार पर तंज़ करते हुये सरकार की कार्यप्रणाली को ‘भटकी हुई ट्रेनों’ की तरह बताया है।
दानिश अली ने कहा, कि पिछले दिनों हमने देखा कि मज़दूरों को उनके घर ले जाने वाली ट्रेनें बिना नेविगेशन के चल रही हैं। जिससे मजदूरों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। कमोबेश सरकार का भी यही हाल है। सरकार के पास न कोई विज़न है और न कोई प्लान। बस एक के बाद एक क़दम हवा में उठाए जा रहे हैं।
जिसका नतीजा है कि पिछले 11 साल में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सबसे निचले स्तर 4.2% पर पहुँच गई और अंतिम तिमाही की दर 3.1% पहुँच गई। लेकिन सरकार कुछ ठोस क़दम उठाने के बजाए कोरोना को दोष दे रही है। हम इस स्थिति को बेहतर तरीक़े से हैंडल कर सकते थे। लेकिन सरकार के बिना सोचे समझे लिए फ़ैसलों ने देश को आर्थिक संकट की तरफ़ धकेल दिया है।
युवा सांसद ने कहा कि ‘वहीं दूसरी तरफ़ रेलवे प्रटेक्शन फ़ोर्स RPF के मुताबिक़ 80 मजदूर सरकार द्वारा चलाईं गई इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अपनी जान गवां चुके हैं। मजदूरों के लिए उपलब्ध कराई गई ट्रेनों में न पानी की व्वयस्था है न खाने की। बिना नेविगेशन के चल रही ट्रेनें समय सीमा से अधिक समय में अपने गंतव्य स्थान तक पहुँच रही हैं। ऐसा पिछले 160 साल में भी नहीं हुआ जबकि उस समय टेक्नॉलोजी ने इतनी तरक़्क़ी भी नहीं की थी।
सरकार को चाहिए था कि कोरोना संकट में लॉकडाउन को सही रूपरेखा से लागू करती। लेकिन सरकार के पास कोई प्लान दिखाई नहीं दे रहा है। जिसका ख़ामियाज़ा देश और देश के लोगों को चुकाना पड़ रहा है। दो महीने से ज़्यादा समय से देश लॉकडाउन है लेकिन कोरोना का संकट घटने के बजाए बढ़ता जा रहा है। ऐसे हालातों में लगता है आने वाले हालात और भी भयावह हो सकते हैं। ऐसे में ख़ुद अपनी सुरक्षा करें सरकार के भरोसे बैठे रहने से हालात सुधरते दिखाई नहीं दे रहे।’