नई दिल्ली : सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा ने देशद्रोह किया है, यह पूरे देश ने देखा है। भाजपा के नेताओं पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए और एनआईए को इसकी जांच करनी चाहिए। भाजपा के लोगों ने गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को दिल्ली में दंगा कराकर पूरे देश को बदनाम किया और अब देश के जवानों और किसानों को आपस में लड़ाने की कोशिश रहे हैं।
उन्होंने कहा, कल सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों पर हमला करने वाले स्थानीय निवासी नहीं थे, बल्कि वे भाजपा के लोग थे, कई वायरल वीडियो इसके सबूत हैं। बॉर्डर पर धरनारत किसानों पर हमला करने वाले भाजपा नेताओं की कहीं पोल न खुल जाए,
इसीलिए बॉर्डर और उसके आसपास इंटरनेट सेवा बन्द कर दी गई थी। भाजपा ने किसानों को देशद्रोही बताने के लिए साजिश के तहत सिंघु बॉर्डर पर अपने आदमी दीप सिद्धू का जत्था खड़ा किया। पुलिस ने उसे लालकिले तक जाने दिया और उसने तोड़फोड़ कर निशान साहिब का झंडा लगा दिया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की सरकार जब से केंद्र में आई है, कई आंदोलन इस सरकार के खिलाफ हुए हैं। छात्रों, दलितों, जीएसटी के खिलाफ व्यापारियों, वकीलों, बेरोजगारों ने आंदोलन किया और सड़कों पर उतरे। अब किसान आंदोलन कर रहे हैं।
हर आंदोलन के अंदर केंद्र सरकार की एक स्क्रिप्ट है, जो पहले से बनी हुई है। किसान, जवान, छात्र जो सरकार के खिलाफ बोलता है, उसको देशद्रोही कहा जाता है। उसको देश के टुकड़े करने वाला कहा जाता है। उसको देश का दुश्मन बताया जाता है।
उसके ऊपर राष्ट्रद्रोह की बात की जाती है। ऐसा क्यों है? देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं। भाजपा 6 साल से सरकार में है। सरकार में यह जब से आए हैं, लाखों करोड़ों लोग देशद्रोही कैसे हो गए। इस देश का तो कभी टुकड़ा नहीं हुआ। कभी किसी की मजाल नहीं हुई कि इस देश के टुकड़े कर सके। जब से यह सरकार देश के अंदर आयी है, हर आदमी टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा है।
इसके अलावा कोई नक्सली, कोई माओवादी, कोई अर्बन नक्सलाइड, कोई अल्ट्रा लेफ्ट है, यह कैसे संभव है। जब से यह किसान आंदोलन पर बैठे हैं, पहले दिन से सरकार की तरफ से एक नैरेटिव बार-बार किया जा रहा है कि यह लोग उग्रवादी, कांग्रेस के एजेंट, आम आदमी पार्टी के एजेंट हैं।
यह सब कुछ हैं मगर यह किसान नहीं है। लाखों-करोड़ों लोग खालिस्तानी हो गए हैं। सरकार की परेशानी यह थी कि भाजपा के नेता जब टीवी पर आते थे तो उनकी जुबान लड़खड़ा जाती थी।
जब आप उनसे पूछते थे कि इतने हजारों-लाखों किसानों को खालिस्तानी कह दिया तो फिर वह गोलमोल बात करते थे। उनके दूसरे नेता लगातार बयान दे रहे थे कि यह उग्रवादी हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 26 जनवरी को देश का बहुत बड़ा दिन होता है। सरकार की परेशानी यह थी कि इतने सारे किसानों को जो उत्तर प्रदेश,पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से आए हैं उनको उग्रवादी-देशद्रोही कैसे बना पाओगे।
कैसे साबित किया जाए कि यह भी देशद्रोही हैं। ऐसे में 26 जनवरी को प्लानिंग की गई कि यहां पर किसानों का जत्था बैठा है। पिछले 60 दिनों से बैठा हुआ है। किसान बैरिकेड के दूसरी तरफ हैं और अपना मंच लगाया हुआ है।
उसके बाद किसानों के ट्रैक्टर हैं। 26 जनवरी से पहले एक नया बीजेपी के लोगों का जत्था खड़ा किया जाता है। उसको बैरिकेड के दूसरी तरफ जगह दी जाती है। आखिर सवाल है कि पुलिस ने कैसे बैरिकेट्स के दूसरी तरफ दिल्ली में जगह दे दी।
उसके अंदर भाजपा दीप सिद्दू जैसे आदमी बैठ जाते हैं। भाजपा के सांसद सनी देओल खुद कहते हैं कि वह मेरे छोटे भाई की तरह है। मेरे पास सालों से है। प्रधानमंत्री के साथ रेसकोर्स आवास में उसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह के साथ फोटो है। प्रधानमंत्री पोज देकर फोटो खिचवाते हैं और उस फोटो को ट्वीट किया जाता है।
भाजपा दिल्ली के ट्विटर हैंडल से उनके प्रदेश अध्यक्ष उसको ट्वीट कर रहे हैं। किसानों से पहले दीप सिद्धू का जत्था दिल्ली में घुस जाता है। आखिर कैसे घुस जाता है और पुलिस उन्हें क्यों नहीं रोकती है। उसको सीधा रास्ता मिल जाता है और लाल किले तक जाने दिया जाता है।
लाल किले में बीजेपी के लोग तोड़फोड़ करते हैं। जहां पर लाल किले में झंडे लगाने की जगह होती है वहां पर वह गुरुद्वारे के निशान साहिब का उनका झंडा फैला देते हैं। सब जगह नैरेटिव शुरू हो जाता है कि किसान देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
किसान उग्रवादी और खालिस्तानी हो जाते हैं। उन्होंने देश का अपमान कर दिया है। देश को इन्होंने पूरी दुनिया के अंदर बदनाम कर दिया है। इस एजेंडे को एक साथ व्हाट्सएप-फेसबुक सहित सब जगह पर चलाया जाता है। इसके साथ-साथ क्या किया जाता है कि सीमा और उसके आसपास के सारे इलाके के अंदर इंटरनेट बंद कर दिया जाता है।
आपके मोबाइल-घर के वाईफाई में इंटरनेट नहीं है। अब आप कोशिश करिए कि सच को कैसे पहुंचाएंगे। भाजपा की सबसे बड़ी परेशानी यह हो गई है उनकी झूठी न्यूज पता चले उससे पहले लोग फोन से वीडियो लाइव कर सच बता देते हैं। ऐसे में सच रोकने के लिए इन्होंने सब जगह की इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया ताकि कोई भी सच्चाई लोगों तक न पहुंचे।
इसके साथ एक झूठ आगे बढ़ाना शुरू किया कि ये देश के किसान नहीं हैं, यह देश के दुश्मन-देशद्रोही हैं। क्रोनोलॉजी देखिए कि इस नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए कि वहां के स्थानीय लोग इन देशद्रोहियों को दिल्ली से भगाएंगे, यह नैरेटिव चलाना शुरू कर दिया।
स्थानीय लोगों की पंचायत हो रही है, इन लोगों को भगाया जाएगा और यह देश के दुश्मन हैं। हमें तो पता नहीं चला कि पंचायत कहां हो रही है। हम भी स्थानीय हैं, मैं तो दिल्ली में ही पैदा हुआ हूं और दिल्ली में ही बड़ा हुआ हूं। हमने नहीं देखा कि स्थानीय लोगों की पंचायत कहां पर हो रही है।
वह तथाकथित स्थानीय लोग कल सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचते हैं। किसानों के ऊपर पत्थरों-लाठियों से गालियां देते हुए हमला करते हैं। गोली मारो गद्दारों को कहकर नारे लगाते हैं। तिरंगा लेकर वह आगे निकलते हैं।
सौरभ भारद्वाज ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि सिंघु बॉर्डर-टिकरी बॉर्डर पर कैसे पहुंच गए। सिंघु बॉर्डर से करीब करीब आधा किलोमीटर दूर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। पत्रकार और जो लोग वहां पर जाते हैं वह यह बात जानते हैं।
वहां पर पुलिस की बैरिकेडिंग है। वहां पर कल कम से कम ढाई हजार पुलिस वाले थे। दिल्ली पुलिस के लोग और रैपिड एक्शन फोर्स थी। उसका काम ही यह है कि दंगा करने वालों को हर तरह से रोक सकते हो।
उनके पास लाठीचार्ज करने के लिए हथियार भी होते हैं। सारी की सारी पुलिस फोर्स वहां पर मौजूद थी। उस पुलिस फोर्स ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को वहां से जाने का रास्ता दिया। भाजपा के कार्यकर्ता लाठी-डंडे और गाली गलौज करते हुए किसानों की तरफ बढ़े।
पुलिस सिर्फ आंख बंद करके उनको देखती रही और उनको जाने दिया। जहां पर पुलिस पानी का टैंकर, टॉयलेट साफ करने की मशीन एक भी आदमी को बेरिकेड पार नहीं करने दे रही वहां भाजपा के दो से ढाई सौ कार्यकर्ता पहुंचते हैं। वहां पर पहले से ही दो ट्रक पत्थर मौजूद हैं।
यह कई वीडियो में पत्रकारों ने दिखाया और बताया कि इनसे भाजपा के कार्यकर्ता पत्थरबाजी करेंगे। वह एक तरफ से निहत्थे किसानों पर पत्थरबाजी करना शुरू करते हैं। सर्दियों में यहां जो बुजुर्ग, माताएं 60 दिनों से भूखे प्यासे बैठी हुई हैं उनके ऊपर पत्थरबाजी होती है।
उनके ऊपर लाठियां चलाई जाती हैं। उनको गंदी-गंदी गालियां दी जाती हैं। पुलिस यह सब अपने सामने सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर सीमा और टिकरी सीमा पर कराती है। गाजीपुर सीमा पर तो शर्म की सारी हदें पार कर दी जाती हैं।
बाबा टिकैत जिन्होंने पूरी जिंदगी देश के किसानों के लिए दी। उनकी एक हुंकार पर लाखों किसान इकट्ठे हो जाते थे उनके बेटे राकेश टिकैत को पीटा जाता है। यह नौबत आ गई कि उनको आंसुओं से रुलाया गया। देश के अंदर क्या हो रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारे पास कुछ सबूत हैं, जिससे यह बात साफ हो जाएगा कि वहां पर जो झंडा लहराया गया वह भाजपा की साजिश थी। झंड़ा फहराने वाले भाजपा के लोग थे। जिस तरीके से स्थानीय लोगों के नाम पर किसानों पर हमला कराया गया, वह भाजपा के लोग थे।
भाजपा के लोगों ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर देश में दंगा कराया। पूरे देश को बदनाम किया। देश के अंदर आज किसानों और जवानों को लड़वा रहे हैं। भाजपा की पूरे देश को आग लगाने की प्लानिंग है। मुझे लगता है कि इतना घटिया काम भाजपा ने किया है।
मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं अगर देश के अंदर आज कोई देशद्रोही है तो वह भारतीय जनता पार्टी नामक संस्था है। उसके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने देशद्रोह किया है। इनके नेताओं के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।
पूरे देश ने इनको देशद्रोह करते हुए देखा है। हम मांग करेंगे कि भारतीय जनता पार्टी नाम के राजनीतिक पार्टी के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए। इनके ऊपर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी जांच करें। न्यायालय बैठे हुए देख रहे हैं लेकिन कोई जांच करने के लिए तैयार नहीं है।
सौरभ भारद्वाज ने वीडिया दिखाते हुए कहा कि मैं मुबारकबाद दूंगा उन पत्रकारों को जिन्होंने सच दिखाने के लिए हिम्मद की। हमारे कुछ पत्रकार साथियों ने अपनी नौकरी की परवाह न करते हुए सच दिखाया है और इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए होती है।
आज कुछ अखबारों ने सच लिखा है कि वहां पर जो कहा जा रहा था कि वह स्थानीय लोग जबकि हैं वह लोग भाजपा के नेता-कार्यकर्ता थे। उनके नामों की पहचान कर अखबारों के अंदर छपा है। वीडियो दिखाते हुए कहा कि सिंघु सीमा पर मौजूद यह भाजपा के नेता प्रदीप खत्री और अमन डबास हैं।
अमन डबास की पत्नी भाजपा के पार्षद हैं। यह भी वहां पर स्थानीय आदमी बन कर के पहुंचे थे। इसीलिए इंटरनेट सेवा को बंद किया गया गया था क्योंकि आप वहां पर बाकी किसी आदमी को जाने नहीं देंगे तो वह आदमी वीडियो नहीं बना पाएगा। किसान वहां पर मौजूद है वह बैरिकेड के दूसरी तरफ है।
उनका इंटरनेट बंद है। यदि आप वीडियो को दबा देंगे तो कौन बताएगा कि वहां पर स्थानीय लोग नहीं थे।
सौरभ भारद्वाज ने लोगों से अपील की इस वीडियो को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि भाजपा की सच्चाई लोगों को पता चले। आपकी शक्ति यही है कि आप उनकी सच्चाई को एक एक आदमी तक पहुंचाओ।