नई दिल्ली: बिहार के सीएम नीतीश कुमार के चुनावी सलाहकार रहे प्रशांत किशोर ने उन पर तीखा व्यंग्य किया है, प्रशांत किशोर का ये तंज कोटा में फंसे बिहार के छात्रों की वापसी से जुड़ा है, प्रशांत किशोर ने कहा है कि कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के खिलाफ होगा, पीके ने कहा कि अब उन्हीं की सरकार ने बीजेपी के एक एमएलए को कोटा से अपनी बच्ची को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है, नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?
बता दें कि हिसुआ से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह अपने बेटे और पत्नी को लाने निजी गाडी से कोटा गए हैं, अनिल सिंह को नवादा के एसडीएम ने पास निर्गत किया है उसके बाद वो कोटा के लिए निकले हैं, इसी पर प्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमला किया है, यूपी के सीएम योगी ने जब कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों को लाने के लिए बसें भेजी थीं तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसकी आलोचना की थी, तब नीतीश कुमार ने कहा था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के खिलाफ होगा, अब बिहार के ही बीजेपी विधायक प्रशासन से अनुमति लेकर अपने बेटे को पत्नी को लाने कोटा के लिए निकल पड़े हैं तो प्रशांत किशोर ने इसे लेकर नीतीश कुमार पर सवाल किया है,
बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर नीतीश कुमार पर हमला किया है, तेजस्वी ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री यूपी के मुख्यमंत्री को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसें नहीं भेजनी चाहिए थी, दूसरी तरफ अपने विधायक को गोपनीय तरीके से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे, बिहार में ऐसे अनेकों वीआईपी और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए, फंसे बेचारा गरीब, बता दें कि बिहार यूपी के बॉर्डर से कोटा में पढ़ाई करने वाले छात्र लगातार घर लौट रहे हैं, इसी क्रम में कैमूर जिले के कर्मनाशा बॉर्डर पर तीन वाहनों से 10 छात्र कोटा से नवादा जाने के लिए आए, ये छात्र कोटा मे रहकर मेडिकल की कोचिंग करते थे