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एमसीडी में भाजपा के 14 साल का गवर्नेंस माॅडल फेल, उसे इस्तीफा दे देना चाहिए: आतिशी

नई दिल्ली : आतिशी ने कहा कि एमसीडी में भाजपा के 14 साल का गवर्नेंस माॅडल पूरी तरह से फेल हो गया है। भाजपा को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए, आम आदमी पार्टी शेष एक साल तक एमसीडी को उससे बेहतर चला कर दिखाएगी।

अगले साल जब एमसीडी का चुनाव होगा, तब दिल्ली की जनता एमसीडी में ‘भाजपा के 14 साल बनाम ‘आप’ के एक साल’ के गवर्नेंस माॅडल में देखेगी कि वित्तीय प्रबंधन और साफ-सफाई कैसे होती है?

उन्होंने कहा कि भाजपा ने एमसीडी को पूरी तरह से कंगाल कर दिया है और वो कर्मचारियों को वेतन देने की भी स्थिति में नहीं है।

आज नार्थ एमसीडी के खाते में सिर्फ 12 करोड रुपए और ईस्ट एमसीडी के खाते में सिर्फ 99 लाख रुपए बचे हैं, इसीलिए दिल्ली सरकार ने महामारी की वजह से अपने राजस्व में भारी कमी के बावजूद एमसीडी को 938 करोड़ रुपए जारी किया।

दिल्ली सरकार ने पिछले 6 सालों में कई बार एमसीडी को लोन दिया है और वर्तमान में तीनों एमसीडी पर 6,200 करोड़ रुपए से अधिक दिल्ली सरकार का बकाया है।

आतिशी ने कहा कि कल दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम को 938 करोड़ों रुपए का फंड जारी किया है। एक ऐसे समय पर जब कोविड महामारी के दौरान पिछले साल मार्च में जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से दिल्ली सरकार को बहुत कम राजस्व मिला है।

क्योंकि पूरी अर्थव्यवस्था और कारोबार में बहुत गिरावट आई है। जैसे ही बाजारों और कारोबार गिरावट का ट्रेंड आता है, अर्थव्यवस्था नीचे की तरफ जाती है। तब सरकार का टैक्स कलेक्शन कम होता है। आज भी सरकार राजस्व एकत्र करने के लिए संघर्ष कर रही है।

ऐसे माहौल में भी, ऐसी मुश्किल आर्थिक परिस्थिति में भी दिल्ली सरकार ने अपने और बजट हेड से और सरकारी कार्यक्रमों से बजट की कटौती करके 938 करोड रुपए का फंड एमसीडी को जारी किया है।

यह दिल्ली सरकार ने पहली बार नहीं किया है। पिछले 6 सालों में कई बार दिल्ली सरकार ने एमसीडी को लोन दिया है। आज एमसीडी पर 6,200 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बकाया दिल्ली सरकार का है.

जो एमसीडी को लोन के तौर पर दिया गया है, पिछले 6 साल से लोन दिया जा रहा है, लेकिन अभी तक एमसीडी ने उस लोन की वापसी नहीं की है। आज के दिन भी तीनों एमसीडी को मिलाकर के 6,200 करोड़ रुपए से ज्यादा का पैसा दिल्ली सरकार को देना है।

आतिशी ने कहा कि एमसीडी में जितना भ्रष्टाचार है, उसकी वजह से आज तीनों एमसीडी कंगाल हो गई हैं। आज हमारे तीनों नगर निगमों का यह हाल है।

ऐसे हालात भाजपा ने तीनों नगर निगम में कर दिए हैं कि बिल्कुल कंगाली की हालत पर तीनों नगर निगम को अपने 14 साल के कार्यकाल के बाद लेकर लेकर आए हैं। आज ऐसी स्थिति हो गई है कि नार्थ एमसीडी के खाते में सिर्फ 12 करोड रुपए बचे हैं.

ईस्ट एमसीडी की हालत उससे भी बदतर हालत हो गई है, उसके खाते में एक करोड़ रुपए भी नहीं बचे हैं, उसके खाते में सिर्फ 99 लाख हैं। अगर आप एमसीडी के हालात देखिए तो सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए वे कहते हैं कि उनके पास पैसा नहीं है।

वे कहते हैं कि उनके पास शिक्षकों की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं, वे कहते हैं कि उनके पास नर्सों की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं है, वे कहते हैं कि उनके पास डॉक्टरों की तनख्वाह देने के लिए पैसा नहीं है.

लेकिन अगर आप भाजपा के सारे पार्षदों को देखिए, तो सब बड़- बड़े मकानों में रहते हैं, सभी बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलते हैं, सबके बैंक खाते का अगर आप एफिडेविट देखने जाइए तो 5 साल या 10 साल पार्षद होने के बाद उन सबके की संपत्ति 10-10 गुना बढ़ गई है। एमसीडी का यह हालात है।

विधायक आतिशी ने कहा कि हर जिम्मेदारी, जो एमसीडी को दी जाती है, उसमें घोटाले होते हैं। एमसीडी को साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी जाती है, तो पता चलता है कि सफाई की मशीन में घोटाला हो गया है।

एमसीडी को मलेरिया और डेंगू की दवा छिड़कने की जिम्मेदारी दी जाती है, तो पता चलता है कि डेंगू की दवा में घोटाला हो गया है। एमसीडी को हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स इकट्ठा करने की जिम्मेदारी जाती है, तो पता चलता है कि हाउस टैक्स में घोटाला हो गया है।

तो हर जिम्मेदारी जो आज तक एमसीडी को दी गई है, उसमें सिर्फ और सिर्फ घोटाले की कहानी है। पिछले ही दिनों किराए का ढाई हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है। जिसमें एमसीडी ने आम जनता के ढाई हजार करोड़ का नुकसान किया गया है।

यही कारण है कि इन घोटालों की वजह से आज एमसीडी कंगाल है और डाॅक्टर, नर्सों, सफाई कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है। जबकि इनकी वजह से हमारा शहर चलता है। अगर सफाई कर्मचारी काम नहीं करते हैं, तो शहर रूक जाता है।

अगर डॉक्टर एमसीडी के अस्पतालों में काम नहीं करते हैं, तो लोगों का इलाज रुक जाता है, अगर नर्सेज काम नहीं करती हैं, तो कोरोना मरीजों की देख-रेख रुक जाती है, लेकिन एमसीडी ने अपने घोटालों की वजह से जिस तरह से एमसीडी को कंगाल कर दिया है, तो आज एनसीडी उनमें से किसी की भी तनख्वाह देने की परिस्थिति में नहीं है।

यही कारण है कि दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया कि जिस तरह से पिछले कई सालों में 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे एमसीडी को दिए गए हैं, उसी तर्ज पर कल 938 करोड़ रुपए का फंड एमसीडी को जारी किया गया है।

आतिशी ने कहा कि पिछले 14 साल से भाजपा की एमसीडी में सरकार है, उसका आज हमारे सामने घोटालों के अलावा और कोई रिपोर्ट कार्ड नहीं है। एमसीडी को जो काम करना होता है, वह नहीं होता है। हमारे घोटालों की लिस्ट बढ़ जाती है।

चाहे हाउस हाउस का घोटाला हो, चाहे ढाई हजार करोड़ रुपए का घोटाला हो, चाहे गाय के चारे का घोटाला हो, चाहे सफाई की मशीन का घोटाला हो, चाहे डेंगू की दवा का घोटाला हो।

वहीं जब आप दूसरी तरफ देखने जाते हैं कि एमसीडी को जिम्मेदारी दी गई कि दिल्ली को साफ रखिए, लेकिन वो जिम्मेदारी एमसीडी ने बिल्कुल भी नहीं निभाई, इसका आप और हम गवाह हैं, यह देखने के लिए हमें सिर्फ अपने घरों से बाहर निकलने की जरूरत है।

भाजपा ने पिछले 14 साल के कार्यकाल में आज दिल्ली को गंदगी का पुलिंदा बना दिया। एमसीडी को जिम्मेदारी जाती है कि आप दिल्ली में पार्किंग का इंतजाम करो।

आज आपको और हमें पता है कि पार्किंग में कितने घोटाले हैं और दिल्ली वाले पार्किंग की समस्या से परेशान हैं, क्योंकि उन्हें पता नहीं है कि गाड़ियां कहां पार्क करें, क्योंकि एमसीडी ने कोई इंतजाम नहीं किया।

एमसीडी को जिम्मेदारी दी जाती है कि कॉलोनियों के अंदर की सड़कों को बनाइए, क्योंकि यह आपकी सड़के हैं और वो सारी सड़कें टूटी-फूटी हालात में पाई जाती हैं।

एमसीडी को स्कूलों की जिम्मेदारी दी जाती है कि आप बच्चों को पांचवीं तक पढ़ाइए और उसका नतीजा यह निकलता है कि जब वह छठीं कक्षा में अपने स्कूलों में रीडिंग एसेसमेंट करते हैं, तो पता चलता है कि एमसीडी के स्कूलों से आने वाले 75 प्रतिशत बच्चे पढ़ना भी नहीं जानते हैं। यह एमसीडी में भाजपा के 14 साल के राज का रिपोर्ट कार्ड है।

आतिशी ने कहा कि आज हम एमसीडी और भाजपा से कहना चाहते हैं कि हमने फंड इसलिए जारी किया है, क्योंकि हम चाहते हैं कि जो सफाई कर्मचारी हैं, जो शिक्षक हैं, जो डॉक्टर है, जो नर्स हैं, आज उनकी ऐसी परिस्थिति हो गई है कि उनके घर में चूल्हा नहीं जल रहा है।

हालांकि दिल्ली सरकार का एमसीडी पर 6200 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे बकाया, जो उसे दिल्ली सरकार को देने हैं, लेकिन इन कर्मचारियों की वजह से, इन शिक्षकों की वजह से, इन डाॅक्टरों की वजह से हमने 938 रुपए एमसीडी को जारी किया है।

हम भाजपा से कहना चाहते हैं कि आप का 14 साल का गवर्नेंस मॉडल एमसीडी में फेल है, आपसे एमसीडी चलती नहीं है, आपने एसीडी को अपने भ्रष्टाचार से कंगाल कर दिया है।

अगर आप अपने बजट में एमसीडी नहीं चला सकते हैं, तो एमसीडी से आज इस्तीफा दे दीजिए, जो एमसीडी के एक साल का कार्यकाल बचा है, उसमें आम आदमी पार्टी एमसीडी को चलाकर दिखाएगी कि एक साल के बाद जब नगर निगम का चुनाव होगा.

तब दिल्ली की जनता देख लेगी कि ‘बीजेपी के 14 साल बनाम आम आदमी पार्टी का एक साल’ में एमसीडी में गवर्नेंस कैसी होती है? एमसीडी में वित्तीय प्रबंधन कैसे होता है, दिल्ली में साफ-सफाई कैसे होती है?

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