सिरसाः भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने आज आशंका व्यक्त की कि 8 जनवरी को दिल्ली में केंद्र सरकार व किसानों के बीच प्रस्तावित वार्ता भी किसी सिरे नहीं चढ़ पाएगी क्योंकि किसान संगठन जहां तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की बात पर अटल हैं वहीं केंद्र सरकार की मंशा कुछ और है।
चढूनी सिरसा के खुयाँ मलकाना व बहावदीन टोल प्लाजा पर लगे किसानों के अस्थायी धरनारत स्थल पर उपस्थित किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शुरुआती बैठकों में कृषि मंत्री व सरकार के अन्य प्रतिनिधियों की बातचीत से ही यह लगभग स्पष्ट हो गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी व जीएसटी लागू करने जैसी हठ करके कृषि कानून देश के किसानों पर थोपना चाहते हैं। उन्होंने उपस्थित किसानों से आह्वान किया कि वह 26 जनवरी को अधिकाधिक संख्या में ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंचें।
बता दें कि लगभग डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ बार सरकार के साथ वार्ता की है, लेकिन इस वार्ता से किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका, अब अगली तारीख आठ जनवरी तय की गई है। किसानों द्वारा उन तीनों क़ानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है जो बीते वर्ष केन्द्र सरकार ने बनाए हैं। किसानों का आरोप है कि ये क़ानून किसानों को उन्हीं के खेत में गुलाम बना देंगे।
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