नई दिल्ली: कोरोना वायरस बीमारी के चलते अबतक दिल्ली में भी कई मोत होचुकी हैं जिनमें मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के भी कई लोग हैं।दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड को मीडिया रिपोर्ट्स व अन्य हवालों से पता चला कि मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली ऐसी मय्यतों की तदफीन में जिनका इंतेक़ाल कोरोना बीमारी की वजह से हुवा क़ब्रिस्तान में दफ़न करने और उनकी आख़री रुसूमात की अदायगी में दिक़्क़त आरही है
कई जगह मय्यतों को क़ब्रिस्तानों में
दफ़न को लेकर मकामी लोगों की मुख़ालफ़त का सामना भी करना पड़ा जिसे देखते हुवे पिछले
दिनों दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के सी ई औ ने वक़्फ़ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले दिल्ली गेट
स्थित क़ब्रिस्तान जदीद में ऐसी मय्यितों की तदफीन की वेवस्था की है जिसमें बाकायदा
ऐसी मय्यतों की तदफीन भी होरही है जिनका इंतेक़ाल कोरोना बीमारी की वजह से हुवा है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला के दिल्ली के असप्तालों में मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों की बॉडीज़ लावारिस पड़ी हुई हैं जिनका इंतेक़ाल कोरोना वायरस की वजह से हुवा है मगर लोकडाउन के चलते उनके रिश्तेदार उन बॉडीज़ को लेने नहीं पहुंच पाए हैं ऐसे में उनकी आख़री रुसूमात की अदायगी के लिए दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड हरकत में आया है और बोर्ड सदसस्य एडोकेट हिमाल अख़्तर ने वक़्फ बोर्ड के सी ई ओ एस एम अली को पत्र लिखकर बोर्ड दुवारा ऐसी लावारिस मय्यितों की तदफीन की वेवस्था करने की तरफ़ तवज्जे दिलाई है।
एडोकेट हिमाल अख़्तर ने सी ई औ ओर मुख्यमंत्री को भेजे गए अपने पत्र में लिखा है भारतीय कानून के अनुसार मरने वाले की आख़री रुसूम की अदायगी उसके धर्म या इच्छा के अनुसार उसका क़ानूनी अधिकार है जिसे पूरा किया जाना चाहिए।हिमाल अख़्तर ने आगे कहा कि हमें मीडिया रिपोर्ट्स व अन्य हवालों से पता चला कि दिल्ली के कुछ असप्तालों में कोरोना वायरस से मरने वाले कुछ ऐसे व्यक्तियों की बॉडीज़ लावारिस हालत में मौजूद हैं जिनका ताल्लुक़ मुस्लिम समुदाय से है
मगर लोकडाउन के चलते उनकी आखरी रुसूमात की अदायगी नहीं हो पा रही है।उन्होंने आगे कहा कि लावारिस मय्यितों की तदफीन अपने खर्चे पर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड पहले से ही करता आया है जिसकी पूरी वेवस्था बोर्ड के पास है ऐसे में कोरोना से मरने वाले वेयक्तयों की लावारिस मय्यितों की तदफीन की ज़िम्मेदारी भी वक़्फ बोर्ड की है।उन्होंने आगे कहा कि आजकल बोर्ड के पास अपना चेयरमैन नहीं है ऐसे में सारे कार्य कक़्फ़ बोर्ड के सी ई औ श्री एस एम अली देख रहे हैं।इसी को देखते हुवे उन्हें पत्र लिखा गया है कि वो इस संबंध में आगे की कार्रवाई केंद्रीय और राज्य सरकार के दिशा निर्देश अनुसार करने की वेवस्था करें।एडोकेट हिमाल अख़्तर ने आगे कहा की इस पत्र की एक कॉपी दिल्ली मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल को भी भेज दी गई है