नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने कोरोना वायरस के संकट पर शुक्रवार को केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की, साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में मोदी सरकार से अम्फान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई, सोनिया गांधी ने बैठक की शुरुआत करने के साथ ही कोरोना संकट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा,

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि इस महामारी से अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका लगा है, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने बड़े पैमाने पर राजकोषीय प्रोत्साहन दिए जाने की तत्काल आवश्यकता की सलाह दी थी, पीएम मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया और फिर वित्त मंत्री अगले पांच दिनों तक उसका विवरण देती रहीं, यह देश के साथ एक क्रूर मजाक था,

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बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना को 21 दिन में खत्म करने की पीएम का दावा धराशायी हुआ, सरकार के पास लॉकडाउन को लेकर कोई प्लान नहीं था, सरकार के पास करोना संकट से बाहर निकलने की कोई नीति नहीं थी, लगातार लॉकडाउन का कोई फायदा नहीं हुआ, नतीजे खराब ही निकले, कोरोना टेस्ट और पीपीई किट के मोर्चे पर भी सरकार विफल रही, अर्थव्यवस्था चरमरा गई, लॉकडाउन के नाम पर क्रूर मज़ाक हुआ, सारी शक्तियां पीएमओ के पास हैं, वो कर्मचारियों और कंपनियों के हितों की सुरक्षा करें,

बैठक को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने भी संबोधित किया, ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना संकट में केंद्र सरकार राज्यों की ठीक से मदद नहीं कर रही है, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि महाराष्ट्र में बीजेपी कैसा बर्ताव कर रही है, राज्य इसके बावजूद केंद्र के साथ समन्वय स्थापित कर काम कर रहा है, वहीं बीजेपी कोरोना संकट में आंदोलन पर उतारू है,

राहुल गांधी ने केंद्र के रवैये पर सवाल उठाया, उन्होंने कहा कि लॉकडाउन करते वक्त किसी से सलाह नहीं ली गई, उद्योगपतियों से कोई चर्चा नहीं की गई, श्रमिकों के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से कोई चर्चा नहीं की गई, राहुल गांधी ने कहा, ‘एक आदमी के मन में आया और लॉकडाउन कर दिया,’ माकपा के सीताराम येचुरी ने बताया कि 22 दलों ने साढ़े चार घंटे तक कोरोना संकट के मुद्दे पर चर्चा की, बैठक का मुख्य एजेंडा था कि कोरोना महामारी पर कैसे काबू पाया जाए और प्रभावित लोगों तक कैसे मदद पहुंचाई जाए

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