नई दिल्ली: अमेरिका से व्यापार को लेकर चीन अपने ही जाल में फंसता दिख रहा है, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने 6 देशों के विदेश मंत्रियों से मंत्रणा कर चीन को सबक सिखाने का प्लान बनाया है, वहीं अमेरिकी सीनेट में एक ऐसा बिल आया है, जो पास हो गया तो ट्रंप चीन पर प्रतिबंधों की बरसात कर सकते हैं, अमेरिका के नौ सीनेटर्स वहां की संसद कांग्रेस में एक बिल लाए हैं जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चीन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार दे देगा, अगर ये अधिकार मिल गया तो ट्रंप चीन को जवाब दे सकते हैं, सीनेटर लिंडसे ग्राहम के इस बिल को आठ सीनटरों ने कांग्रेस के उपरी सदन सीनेट में पेश किया है,

इससे राष्ट्रपति ट्रंप को ये अधिकार मिल जाएगा कि वो चीन को 60 दिनों के भीतर कोरोना पर जांच में सहयोग के लिए बोल सकें, यह जांच खुद अमेरिका करेगा, ट्रंप को ये अधिकार होगा कि वे चीन में चलने वाले वेट बाजारों को बंद करा सकें, अगर चीन आनाकानी करता है तो ट्रंप उसके व्यापार की संपत्ति सीज कर सकते हैं, वे वीजा बैन कर सकते हैं, यात्रा पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, अमेरिकी कंपनियों को चीन के साथ कारोबार से रोक सकते हैं, इतना ही नहीं वे चीन की कंपनियों को अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर करने से मना कर सकते हैं, इस बिल से ट्रंप को वो हथियार मिल जाएगा जो आज की दुनिया में बड़ी ताकत रखता है, उधर चीन दुहाई पर दुहाई दे रहा है कि कोरोना वुहान की लैब से नहीं निकला, वो बार-बार कह रहा है कि कोरोना वुहान की वेट मार्केट से निकला, अब इसपर अमेरिका की रणनीति है कि जिस वेट मार्केट की बात चीन बार-बार करता है अब उसे ही बंद कराना पड़ेगा, क्योंकि यह मार्केट पिछले 20 साल में 4 बड़े वायरस का जनक रहा है,

देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App

एक तरफ जहां सीनेट में बिल के जरिए ट्रंप को ताकत देने की कोशिश हो रही है, वहीं पॉम्पियो ने भारत, इजरायल, दक्षिण कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ गहन मंत्रणा की है, इस बातचीत में चीन को कोरोना फैलाने के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार साबित करने की रणनीति पर चर्चा हुई, विदेश मंत्रियों में इस बात पर सहमति बनी कि चीन से कोरोना फैलाने का हर्जाना वसूला जाए, सभी सात विदेश मंत्री इस बात पर सहमत भी हैं कि चीन की समुद्री गतिविधियों पर तल्काल रोक लगाई जाए,

दरअसल इस साल जनवरी में अमेरिका के साथ हुई फेज-1 ट्रेड डील भी चीन को सताने लगी है, व्यापार संतुलन के नाम पर ट्रंप ने इस डील में चीन को अमेरिका से आयात बढ़ाने को कहा है, कोरोना के नाम पर डिजास्टर क्लॉज का हवाला देकर चीन इससे बचने की फिराक में था लेकिन ट्रंप ने साफ तौर पर ऐसा करने से मना कर दिया, चीन की चाल थी कि अमेरिका के साथ नए सिरे से व्यापार डील हो, यानी वो वैसे ही अपना सामान अमेरिका में बेचता रहे जैसा पिछले सालों तक बेचता रहा है, लेकिन ट्रंप ने इसी साल जनवरी में हुई डील में किसी तरह के बदलाव से मना कर दिया है, इस डील के तहत चीन, अमेरिका की वस्तुओं का बड़े पैमाने पर आयात करता है, व्यापार संतुलन को बेहतर करने के लिए अमेरिका ने चीन को ऐसा करने के लिए मजबूर किया, ट्रंप ने पिछले साल चीन से आने वाले माल पर भारी टैक्स लगाया था जिसकी वजह से मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स अमेरिका में महंगे हो गए थे, मौजूदा ट्रेड डील की वजह से अमेरिका को काफी फायदा हुआ है, ट्रंप ने सीधे तौर पर चीन को कह दिया है कि व्यापार की बातें अमेरिका की शर्तों के मुताबिक ही जारी रहेंगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here