नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर के बीच योगगुरू बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा किया है, पतंजलि के योगगुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसका एलान किया है, प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रायल में शामिल रहे वैज्ञानिक, डॉक्टर, रिसर्चर भी मौजूद रहे, कोरोना वायरस को मात देने वाली इस आर्युवेदिक दवा का नाम कोरोनिल दिया गया है,
नई दिल्ली: बाबा रामदेव ने कहा कि संपूर्ण साइंटिफिक डॉक्यूमेंट के साथ श्वासारि वटी, कोरोनिल, कोरोना की एविडेंस बेस्ड पहली आयुर्वेदिक औषधि है, रामदेव के मुताबिक, यह रिसर्च संयुक्त रूप से पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर द्वारा किया गया है, दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी, हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार के द्वारा किया जा रहा है, बालकृष्ण ने कहा, आज पतंजलि परिवार के लिए बहुत बड़ा दिन है, मानवता की सेवा में विनम्र प्रयास पूरा होने की खुशी आप सब से साझा करते हुए अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है, पतंजलि के सभी वैज्ञानिकों NIMS यूनिवर्सिटी के डॉक्टर बलवीर सिंह जी व सभी डॉक्टरों को बधाइयां आपका प्रयास आज साकार हो रहा है आयुर्वेद अब अपने अतीत के वैभव को प्राप्त कर शक्ति संपन्न बनेगा,
बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि सेवा का दूसरा नाम है यह शब्दों से नहीं कर्मों से झलकता है, रामदेव का नेतृत्व हमें ऊर्जा देता है, सृजन तो परमात्मा की कृपा है, हम तो निमित्त मात्र हैं, भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 4 लाख 40 हजार के पार जा चुकी है, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 14 हजार 933 नए मामले सामने आए और 312 लोगों की मौत हुईं है, स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 4 लाख 40 हजार 215 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, इसमें से 14011 की मौत हो चुकी है, जबकि दो लाख 48 हजार 190 लोग ठीक भी हुए हैं,
कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत ने दुनिया का चौथा सबसे प्रभावित देश है, अमेरिका, ब्राजील, रूस के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत चौथे स्थान पर आ गया है, भारत से अधिक मामले अमेरिका (2,388,153), ब्राजील ( 1,111,348), रूस (592,280) में हैं, वहीं भारत में मामले बढ़ने की रफ्तार दुनिया में चौथे नंबर पर बनी हुई है, अमेरिका और ब्राजील के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा मामले भारत में दर्ज किए जा रहे हैं
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