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कोरोना: सतेंद्र जैन ने कहा- ‘अब दिल्ली में लाॅकडाउन बिल्कुल नहीं बढ़ेगा’

नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में अब तक 34687 पाॅजिटिव केस हैं और 20871 केस एक्टिव हैं, जबकि 12731 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। दिल्ली में अभी तक 1085 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में कल कुल 65 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली में अभी केस लगभग दो सप्ताह में दोगुने हो रहे हैं। पिछले दो महीने से यही दर चल रहा है। एक संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में करीब दो सप्ताह लग जाते हैं। यदि वह ठीक होने से पहले दो लोगों को संक्रमित कर देता है, तो लगभग दो सप्ताह में केस दोगुना हो जाएंगे। जहां तक कोरोना के सामुदायिक फैलाव की बात है, यह एक टेक्निकल टर्म है। इसके बारे में केंद्र सरकार और डब्ल्यूएचओ जैसी बड़ी संस्थाएं ही बता पांएगी कि सामुदायिक संक्रमण है या नहीं है। इतना जरूर है कि यह काफी तेजी से फैल रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने लाॅकडाउन दोबारा लागू करने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि अब दिल्ली में लाॅकडाउन बिल्कुल नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि 100 साल के अंदर 1918 में इस तरह का स्पैनिस फ्लू आया था। उसके 100 साल बाद यह बीमारी आई है, जो पूरी दुनिया के अंदर है। यह कहना कि दिल्ली में ज्यादा और बाकी जगह कम केस है, यह सही नहीं है। यह जरूर हो सकता है कि कुछ आगे और कुछ पीछे हो सकते हैं। कुछ देशों में पहले कोरोना हुआ और अब वहां पर केस में गिरावट आ रही है। जहां पर बाद में हुआ, वहां पर तेजी से बढ़ रहा है। स्पैनिस फ्लू भी एक तरह से कोरोना वायरस था। यह भी कोरोना वायरस है। इसे नोवल कोविड-19 का नाम दिया गया है। यह वायरस इसलिए खतरनाक है, क्योंकि यह बहुत तेजी के साथ फैलता है। 

एमसीडी द्वारा मौत के आंकड़ों पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि मुझे पता चला है। इस संबंध में कहना चाहता हूं कि कोविड प्रोटोकाॅल से जिनका अंतिम संस्कार किया जाता है, उसमें दो तरह के लोग होते हैं। एक वे होते हैं, जिनकी कोविड-19 की वजह से मौत हुई है और दूसरे वे होते हैं, जिनको कोविड नहीं होता है, लेकिन उनमें किसी तरह का शक होता है या संदिग्ध होते हैं। इसमें पर्ची एक ही दी जाती है कि कोविड प्रोटोकाॅल के तहत अंतिम संस्कार किया जाए। यह लिखित में जाता है कि कोविड प्रोटोकाॅल के तहत शवों का अंतिम संस्कार किया जाए। मान लीजिए कि किसी बुजुर्ग की मौत हो गई। उसके परिवार में कोई भी कोरोना पाॅजिटिव था या संदिग्ध था, या परिवार कहता है कि उन्हें चार दिन पहले बुखार आया था। इस तरह कोरोना पाॅजिविट और कोरोना संदिग्ध, दोनों को ही कोविड प्रोटोकाॅल के तहत दाह संस्कार किया जाता है। हमारे यहां सभी रिपोर्टिंग अस्पताल करते हैं। अस्पतालों को रिपोर्टिंग में दो-चार दिन लग जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने पूरा सिस्टम बनाया हुआ है। अस्पताल में मरीज की पूरी डिटेल जाती है। कई सारे केस ऐसे निकले, जिन्हें पहले कोरोना पाॅजिटिव घोषित कर दिया गया। जब उनकी रिपोर्ट मंगाई गई, तो वह निगेटिव निकली। यह सब सरकारी रिकाॅर्ड में आता है। मरीज का नाम और उम्र तो चाहिए। बेसिक डिटेल तो होनी चाहिए। ऐसे नहीं कह सकते हैं कि संख्या इतनी है। कल को आप हमसे पूछेंगे कि आपने कहा था कि 1085 हैं, लेकिन मैं कहता हूं कि 2000 हैं। इसलिए आप उनसे 2000 की लिस्ट मांगिए, तब सही पता चलेगा। उसकी पाॅजिटिव रिपोर्ट भी होनी चाहिए और संख्या भी कंफर्म होनी चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि बढ़ते हुए केस के मद्देनजर हम अपनी तरफ से सभी तैयारियां कर रहे हैं। बेड और वेंटिलेटर कम नहीं होने देंगे। केंद्र सरकार ने भी मदद करने के लिए कहा है, उनसे भी मदद लेंगे। उनके अस्पतालों के पास काफी आईसीयू बेड हैं। केंद्र सरकार के पास 13 हजार बेड है। उनके पास बड़ी संख्या में आईसीयू और वेंटिलेटर बेड हैं। हम उनसे अनुरोध करेंगे। एमसीडी के अस्पतालों का दिल्ली सरकार द्वारा इस्तेमाल नहीं करने के आरोप पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनके अस्पताल को हमें इस्तेमाल नहीं करना है। उन्हें खुद कोविड के मरीजों का इलाज करना है। केंद्र सरकार ने जितने भी अस्पतालों का इस्तेमाल किया, उन्होंने खुद ही किया है। एमसीडी के अपने अस्पताल हैं और वह अपने अस्पतालों का इस्तेामल कर सकता है। हम उनके अस्पतालों को टेक ओवर नहीं कर रहे हैं या फिर हमें वो टेक ओवर करा दें। उन्हें हमसे पूछने की जरूरत नहीं है। वो आज से ही अपने अस्पतालों में इलाज शुरू कर सकते हैं। 

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अंदर बहुत बड़े स्तर पर बैंक्वेट हाॅल, कम्युनिटी हाॅल और स्टेडियम में बेड की तैयारी की जा रही है। हम दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोविड समर्पित बेड में आॅक्सीजन लगाए ही हैं। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 80 प्रतिशत कोविड बेड हैं। इसके अलावा जो गैर कोविड बेड हैं, वहां पर भी आक्सीजन की व्यवस्था कर रहे हैं।

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