नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद सोमवार को निजामुद्दीन में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी है, ड्रोन की मदद से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है, साथ ही यहां से लोगों केा निकालकर बसों में भरकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है, साउथ ईस्ट के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा, ‘हमने लॉकडाउन के दौरान एक धार्मिक सभा आयोजित करने के लिए नोटिस दिए हैं, हम मामले की जांच कर रहे हैं, यदि आवश्यक हुई तो कार्रवाई की जाएगी और तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी,
पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्राधिकारियों की अनुमति के बिना एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें करीब 200 लोग शामिल हुए थे, ये सभी बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों के बताए जा रहे हैं, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया,’
अधिकारी ने कहा, ‘कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया है और उनकी जांच की जा रही है,’ इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी, साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बुधवार से 21 दिन के लिए लोगों के आवागमन पर देशव्यापी रोक लगायी गई थी,
निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी मरकज में पहुंचे दो बुजुर्गों की चार दिन के अंदर संदिग्ध हालात में मौत हो गई है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये इन्हें कोरोना था या नहीं, यहां पहुंचे 200 लोगों को हल्की खांसी-जुकाम की शिकायत के बाद दिल्ली के अलग-अलग अस्तपालों में दाखिल कराया गया है, तबलीगी मरकज पहुंचे जिन दोनों बुजुर्गों की मौत हुई है, उनमें एक तमिलनाडु और दूसरा कश्मीर घाटी का रहने वाला था, एक की मौत की वजह हार्ट अटैक, जबकि दूसरे की मौत की वजह कोरोना का सदमा बताया जाता है, अस्पतालों में दाखिल 200 लोगों में से छह के कोरोना पॉजिटिव की कथित रिपोर्ट है, हालांकि तबलीगी मरकज के प्रवक्ता ने इस खबर की फिलहाल पुष्टि नहीं की है, जो 200 लोग अस्पतालों में दाखिल किए गए हैं, वे भी सब के सब 60 से ऊपर की ही उम्र वाले हैं, तबलीगी मरकज के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद शुएब अली ने सोमवार को बताया, ‘अभी तक मरकज में पहुंचे लोगों में से किसी को कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर हमारे पास नहीं है,’ लेकिन उन्होंने माना कि मरकर में आए दो बुजुर्गों की मौत हुई है, इनमें एक बुजुर्ग जिनका नाम गसगीर (63) था, मरकज में ठहरे हुए थे, उन्हें शनिवार को तबीयत खराब होने पर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई, गसगीर तमिलनाडु के रहने वाले थे,
उनके बारे में संबंधित अस्पताल ने अभी तक कोरोना पॉजिटिव संबंधी कोई रिपोर्ट मरकज प्रशासन को नहीं दी है, उनकी मौत की वजह सदमा बताई गई है, प्रवक्ता ने मरकज पहुंचे दूसरे शख्स के भी कोरोना पॉजिटिव होने की बात से साफ इनकार किया, उनके मुताबिक, ‘मरकज तबलीगी जमात में छह मार्च को हमारे यहां 65 साल के कश्मीर सोपोर के मूल निवासी भी पहुंचे थे, जिनकी बाद में कश्मीर के एक अस्पताल में मौत हो गई, उनकी मौत की वजह कश्मीरी डॉक्टरों ने कॉर्डियक अरेस्ट बताई थी, वह साहब यूपी, दिल्ली होते हुए कश्मीर वापिस चले गए थे, वह मरकज तबलीगी जमात में दो तीन दिन रुककर नौ मार्च को यहां से चले गए थे, तबलीगी जमात के प्रवक्ता ने कश्मीरी बुजुर्ग की मौत की वजह भले ही कार्डियक अरेस्ट बताई है, मगर कश्मीरी अस्पताल के डॉक्टरों और मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक वह बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव था, कोरोना पॉजिटिव के रूप में कश्मीर घाटी में यह पहली मौत मानी गई, जमात प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि मरकज को फिलहाल अस्थाई क्वारंटीन हाउस में तब्दील कर दिया गया है, मरकज में पहुंचे और इनमें से रविवार को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराए गए लोगों में से छह लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं?
प्रवक्ता ने कहा, ‘नहीं, अभी तक हमारे पास इसकी कोई सूचना नहीं है, जमात मुख्यालय ने खुद भी कई बार, इस बाबत उन अस्पतालों से संपर्क किया, जिनमें 200 लोगों को हमने और इलाके की पुलिस व एसडीएम ने एडमिट कराया था