नई दिल्ली : PM मोदी ने आज शनिवार को देश में कोरोना महामारी की स्थिति और वैक्सीन की स्थिति, वितरण और प्रशासन की तैयारियों को लेकर समीक्षा की, PM मोदी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे जल्दी से जल्दी पूरे देश में कोरोना वैक्सीन पहुंच सके, साथ ही वैक्सीन का वितरण सुचारू रुप से होना चाहिए, साथ ही वितरण के लिए हमें चुनाव प्रबंधन के अनुभव का इस्तेमाल करना चाहिए, बैठक के दौरान PM मोदी ने वैश्विक समुदाय की मदद करने के प्रयास में आगे बढ़ने का निर्देश देते हुए कहा कि हमें अपने अपने प्रयासों को तत्काल पड़ोसी देशों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, PM मोदी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि देश की भौगोलिक स्थिति और विविधता को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन की पहुंच तेजी से सुनिश्चित की जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स, वितरण और प्रशासन में हर कदम को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, इसमें कोल्ड स्टोरेज चेन, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, मॉनिटरिंग मैकेनिज्म, एडवांस असेसमेंट और आवश्यक उपकरण तैयार करने की एडवांस प्लानिंग शामिल होनी चाहिए.
कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर पीएम मोदी ने आगे निर्देश दिया कि हमें देश में चुनाव और आपदा प्रबंधन के सफल आयोजन के अनुभव का उपयोग करना चाहिए, PM ने कहा कि एक समान तरीके से वैक्सीन के वितरण और प्रशासन प्रणालियों को लागू किया जाना चाहिए, इसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, जिला स्तरीय पदाधिकारियों, सिविल सोसाइटी के संगठनों, स्वयंसेवकों, नागरिकों और सभी आवश्यक डोमेन के विशेषज्ञों की भागीदारी होनी चाहिए, पूरी प्रक्रिया में एक मजबूत आईटी बैकबोन होना चाहिए और सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए ताकि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली के लिए स्थायी मूल्य हो, इससे पहले PM मोदी ने बैठक में कोरोना केस और वृद्धि दर में लगातार गिरावट को नोट किया, पीएम मोदी के साथ बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, PM के प्रधान सचिव, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पीएमओ और भारत सरकार के अन्य विभागों के के अधिकारी हिस्सा लिया.
कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए भारत समेत कई देशों में वैक्सीन की खोज का काम जारी है, भारत में तीन वैक्सीन की खोज का काम एडवांस स्तर पर चल रहा है, जिनमें से 2 दूसरे चरण में हैं और एक तीसरे चरण में है, भारतीय वैज्ञानिक और रिसर्च टीम पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका में अनुसंधान क्षमताओं को सहयोग और मजबूत कर रहे हैं, साथ ही बांग्लादेश, म्यांमार, कतर और भूटान से अपने यहां क्लीनिकल ट्रायल की गुजारिश की गई है, हालांकि इन सबमें पाकिस्तान शामिल नहीं है, वैश्विक समुदाय की मदद करने के प्रयास में PM मोदी ने आगे निर्देश दिया कि हमें अपने अपने प्रयासों को तत्काल पड़ोसी देशों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि वैक्सीन वितरण प्रणाली के लिए वैक्सीनंस, दवाइयां और आईटी प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए पूरी दुनिया में पहुंचना चाहिए.
ब्यूरो रिपोर्ट, पीटीआई