शमशाद रज़ा अंसारी

देश भर में फैले कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के दिलों में डर बैठ गया है। लोगों हर बीमार कोरोना संक्रमित लगने लगा है। लोगों के इस डर का खामियाज़ा एक बीमार लड़की को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। बस के कंडक्टर ने चलती बस से लड़की को नीचे फेंक दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। मामले में दिल्ली महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुये नोटिस भेजा है।

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दिल्‍ली के मंडावली की रहने वाली एक युवती अपनी मां के साथ उत्तर प्रदेश में बस में सफर कर रही थी। लड़की की तबियत खराब होने के कारण वह बहुत कमजोर लग रही थी। इस वजह से वह ठीक से चल नहीं पा रही थी। लड़की की हालत देख कर ड्राइवर और कंडक्‍टर ने उसे कोरोना होने के शक में चलती बस से नीचे फेंक दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूर्वी दिल्‍ली के मंडावली की रहने वाली यह लड़की मात्र 19 वर्ष की थी। लड़की को पथरी की शिकायत थी। इस कारण उसे दर्द रहता था। दर्द से कराहती लड़की को देख कर कंडक्टर ने उसे कोरोना संक्रमित समझ लिया तथा मथुरा टोल प्लाजा के पास उसे ज़बरदस्ती बस से नीचे फेंक दिया।

इस हादसे के दौरान लड़की की मां ने उसे ऊपर खींच कर बचाने की पुरजोर कोशिश भी की। लेकिन वह उसे बचा पाने में कामयाब नहीं हो पाई। चलती बस से सड़क पर नीचे गिरते ही लड़की के सिर में गहरी चोट लगी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना का दुःखद पहलू यह भी रहा कि इस दौरान किसी यात्री ने उसकी मदद नहीं की।अब इस पर दिल्ली महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया है।

आयोग ने मथुरा पुलिस से इस मामले में जल्‍द-से-जल्‍द कार्रवाई करने के लिए कहा है। वहीँ मथुरा पुलिस ने इस पूरे मामले में महिला के साथ किसी भी प्रकार की मारपीट का दावा नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता को एक सामान्य यात्री की तरह हटा दिया गया था। किसी भी हाथापाई का कोई सबूत प्राप्त नहीं हुआ है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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