नई दिल्ली : पीएम मोदी करीब 5 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करने बंगाल के हल्दिया पहुंचे, इस मौके पर आयोजित सभा में उन्होंने सीएम ममता पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि बंगाल में आप दीदी से अपने अधिकार की बात पूछ देंगे तो वो नाराज हो जाती हैं.
यहां तक कि भारत माता की जय के नारे लगा दो, तो भी वो नाराज हो जाती हैं, लेकिन देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगल दें, दीदी को गुस्सा नहीं आता.
बंगाल की धरती के गौरव के लिए बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता का त्याग, उनकी तपस्या, उनके बलिदान ने समूचे बंगाल को ये अहसास करा दिया है कि इस बार ‘पोरिबोर्तोन’ होकर रहेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार मैं नेताजी मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जन्म जयंती पर बंगाल आया था, आज हल्दिया सहित पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़ी करीब 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए आपके बीच आया हूं.
बंगाल का विकास और यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण केंद्र सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है, कोलकाता में साढ़े 8 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से मेट्रो प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम चल रहा है, इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने इस अभियान को और विस्तार दिया है.
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में चाय बगानों से जुड़े लाखों साथियों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, इनके लिए 1,000 करोड़ रु के पैकेज की व्यवस्था की गई है, इस पैकेज का बहुत बड़ा लाभ पश्चिम बंगाल के चाय बगान से जुड़े साथियों को विशेषतौर पर हमारी बहनों को मिलेगा.
सरकार इस साल भी हजारों करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में नेशनल हाईवे बनाने में लगाने वाली है, पश्चिम बंगाल को पंजाब से जोड़ने वाला पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बहुत जल्दी बनकर तैयार होने वाला है.
इसके अलावा खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए नए फ्रेट कॉरिडोर की भी घोषणा की गई है, पश्चिम बंगाल में रेलवे पर भी पिछले साल की तुलना में 25% से ज्यादा खर्च किया जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल पहले से जितना आगे था, अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच गया होता, आज यहां जितने भी उद्योग हैं, जितना भी कारोबार है, जितना भी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वो बदलाव चाहते हैं, आधुनिकता चाहते हैं.
लेकिन आप सोचिए, बीते 10 सालों में यहां की सरकार ने कितनी फैक्ट्रियों का शिलान्यास या उद्घाटन किया? उस बड़े स्टील प्लांट का क्या हुआ जो यहां की अराजक व्यवस्थाओं के कारण शुरू ही नहीं हो सका?
बंगाल की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है यहां की राजनीति, आजादी के बाद जब बंगाल के विकास को नई दिशा देने की जरूरत थी तब यहां विकास वाली राजनीति नहीं हो पाई.
पीएम मोदी ने कहा कि यहां पहले कांग्रेस ने शासन किया, तो भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा, फिर लेफ्ट का शासन लंबे समय तक रहा, उन्होंने भ्रष्टाचार, अत्याचार बढ़ाने के साथ ही विकास पर ही ब्रेक लगा दिया, 2011 में पूरे देश की नजरें बंगाल पर थीं.
लेफ्ट की हिंसा और भ्रष्टाचार का जर्जर किला ढहने की कगार पर था, उस समय ममता दीदी ने बंगाल से परिवर्तन का वादा किया, उनके इस वादे ने पूरे देश का ध्यान खींचा, लोगों ने भरोसा किया, बंगाल को आस थी ममता की लेकिन उसे निर्ममता मिली.
लेकिन ममता सरकार के पहले साल में ही ये साफ हो गया कि, बंगाल को जो मिला है वो परिवर्तन नहीं, लेफ्ट का पुनर्जीवन है, वो भी सूद समेत, लेफ्ट का पुनर्जीवन यानि भ्रष्टाचार का पुनर्जीवन, अप’राध और अपरा’धियों का पुनर्जीवन, हिं’सा का पुनर्जीवन, लोकतंत्र पर हमलों का पुनर्जीवन, इससे पश्चिम बंगाल में गरीबी का दायरा और बढ़ता गया.
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