नई दिल्ली : किसानों के समर्थन में पूर्व CM दिग्विजय और कमलनाथ सहित सभी नेता उपवास रखेंगे.
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का प्रदेश कांग्रेस इकाई ने समर्थन करते हुए सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है, नेता मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक किसानों के समर्थन में उपवास रखेंगे.
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कृषि बिल की खामियों के खिलाफ और किसान आंदोलन के समर्थन में पार्टी जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक उपवास करेगी, पार्टी के सभी बड़े नेता उपवास में शामिल होंगे.
इसकी तारीखों का ऐलान कांग्रेस पार्टी जल्द करेगी, जिला स्तर पर होने वाले आंदोलनों में पार्टी के नेता कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे.
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस अब तक किसान आंदोलन को समर्थन दे रही थी लेकिन अब सड़कों पर उतर कर कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन चलाया जाएगा.
साथ ही सरकार को अनाज खरीदी समर्थन मूल्य पर करने के लिए मजबूर करेगी, पीसी शर्मा ने कहा मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर अनाज बिक रहा है, किसान लुटा जा रहा है, इसके खिलाफ कांग्रेसी अपने गुस्से का इजहार करेंगे.
जीतू पटवारी ने कहा कि बीते 9 महीनों में 47 सरकारी मंडियां बंद हो गई हैं, सरकारी पोर्टल पर मंडियों के बंद होने की जानकारी उपलब्ध है, गेहूं समेत 23 अनाज समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है.
जीतू पटवारी ने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं करने का आरोप BJP सरकार पर लगाया है, कांग्रेस ने दावा किया है कि कृषि बिल लागू होने के बाद प्रदेश में सरकारी मंडियों को बंद करने की शुरुआत हो गई है, मंडियों की आय भी आधी हो गई है.
जीतू पटवारी ने किसान आंदोलन पर BJP नेताओं के विवादित बयानों पर नाराज़गी जताई, कमल पटेल के किसान संगठनों को कुकुरमुत्ता बताने को कांग्रेस ने किसान संगठनों का अपमान बताया.
जीतू पटवारी ने कहा है कि अब तक विपक्ष पर आरोप लग रहे थे कि वह किसानों को भड़का रहा है, बीजेपी कृषि बिल के बारे में किसानों को नहीं समझा पाई.
लेकिन अब कांग्रेस विपक्ष होने का कर्तव्य निभाएंगी और संवैधानिक अधिकारों के तहत आंदोलन चला कर कृषि बिल के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा, पूर्व मंत्री पटवारी ने कहा कृषि कानून में कई तरह की खामियां हैं, जिनकी जानकारी अब किसानों को कांग्रेस पार्टी देगी.