शमशाद रज़ा अंसारी
तबलीग़ी जमात के लोगों पर अभद्रता का आरोप लगाकर पिछले दिनों चर्चा में आईं कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी अब एक वायरल वीडियो के कारण फिर से चर्चा में हैं। हालाँकि डॉक्टर लालचंदानी ने वायरल वीडियो का ठीकरा मीडिया के सर फोड़ा है। लालचंदानी वायरल वीडियो में जमातियों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बातें करती हुई दिख रही हैं। इस वीडियो को लेकर लगातार उनके विरुद्ध कार्रवाई की माँग उठ रही है। कुछ मुस्लिम संगठनों ने एफ़आईआर दर्ज कराने के लिए भी प्रार्थना पत्र दिया है।
इससे पहले डॉक्टर आरती लालचंदानी ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती जमातियों के कथित अभद्र व्यवहार की शिकायतें मीडिया में की थीं। उस वक़्त उन्होंने इस कथित अभद्रता के कुछ वीडियो भी दिखाए थे। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो भी लगभग उसी समय का है जो अब लोगों के सामने आया है।
क्या कहा सफाई में
हंगामा मचने के बाद डॉक्टर लालचंदानी ने वीडियो पर सफाई देते हुये स्टिंग करने वाले की ही नीयत ख़राब बता दी। लालचंदानी ने अपने बयान में कहा कि “ये मीडिया को दिया गया मेरा बयान नहीं था। ये एक इंटरव्यू भी नहीं है।डॉक्टर लालचंदानी का कहना है कि स्टिंग ग़लत तरीक़े से किया गया है और वीडियो में कई जगह तोड़-मरोड़ की गई है।
ख़राब नीयत से मेरा स्टिंग किया गया था और जो बातें मेरे नाम से कही जा रही हैं, वो मेरी भावनाएं नहीं हैं। ये किसी समुदाय के ख़िलाफ़ नहीं है। ये वीडियो उगाही और ब्लैकमेल करने के इरादे से बनाया गया और सर्कुलेट किया गया। मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, डॉक्टर लालचंदानी ने चुपके से वीडियो बनाने वाले रिपोर्टर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने की बात कही है।
लालचंदानी ने वीडियो में क्या कहा
डेढ़-दो महीने पुराने वीडियो में कुछ मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में डॉक्टर लालचंदानी जमातियों के बारे में कह रही हैं, “कहना नहीं चाहिए पर ये टेररिस्ट हैं और इनको हम वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहे हैं। अपने रीसोर्सेज़ को हम बेकार कर रहे हैं। अपने डॉक्टरों को हम बीमार कर रहे हैं इनके लिए। 100 पीपीई किट इन पर ख़राब कर रहे हैं हम। एक किट पर सरकार दो हज़ार-ढाई हज़ार रुपये ख़र्च कर रही है। ये सब ख़र्च हम इन पर कर रहे हैं।
यह वीडियो डॉक्टर आरती लालचंदानी के आवास का बताया जा रहा है जहां वो कुछ पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रही हैं। उनके पास कुछ मीडिया चैनलों के माइक भी रखे हैं और बीच-बीच में वो ये भी पूछ रही हैं कि ‘आप लोग रिकॉर्ड तो नहीं कर रहे हैं? करीब पाँच मिनट के इस वीडियो में डॉक्टर आरती लालचंदानी कहती हैं, “इन्हें तो आइसोलेशन में बंद कर देना चाहिए, काल कोठरी जैसे आइसोलेशन में। इन बीस-तीस करोड़ लोगों की वजह से सौ करोड़ लोगों की जान दांव पर लगाई जा रही है। मैं इस बारे में मंत्री से भी बात करूंगी।
वीडियो में न सिर्फ़ लालचंदानी इस तरह की बातें कर रही हैं बल्कि वीडियो बनाने वाला व्यक्ति भी उनकी हां में हां मिलाता हुआ दिख रहा है और बार-बार ‘जमाती’ शब्द का इस्तेमाल कर रहा है।
जमातियों को निशाना बनाने के बाद डॉक्टर आरती लालचंदानी मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहती हैं, “मुख्यमंत्री अपीज़मेंट (तुष्टीकरण) कर रहे हैं। जिन्हें जेल में डालना चाहिए, उन्हें वीआईपी सुविधा दी जा रही है। मीडिया से सहयोग माँगते हुये लालचंदानी ने कहा कि आप लोग मीडिया से हैं। आप मुख्यमंत्री से कह सकते हैं कि क्यों इतना अपीज़मेंट कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो वहां मौजूद कुछ लोगों ने चुपके से शूट कर लिया और रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
हंगामा होने के बाद अल्पसंख्यकों के प्रति जताया प्रेम
वीडियो पर हंगामा होने और मुस्लिम संगठनों द्वारा एफआईआर दर्ज़ कराने की माँग किये जाने पर अचानक डॉक्टर आरती लालचंदानी का अल्पसंख्यकों के प्रति प्रेम जाग गया।
उन्होंने कहा कि ये घटना 75 दिन पहले की है और इसे बदनीयती से मेरे विरोधियों ने अब जाकर रिलीज़ किया है। मेरे संपर्क में कई मुस्लिम भाई-बहन और बच्चे हैं जिन्हें मैंने अपनों की तरह प्यार किया है और उनकी सेवा की है। यहां तक कि तबलीग़ी जमात के जिन मरीज़ों ने हमारे हेल्थ वर्कर्स पर हमला किया था, हमने उनसे भी अच्छे रिश्ते बनाए। उन्होंने कुछ ही दिनों के भीतर माफी मांग ली थी। हमने भोजन-पानी और दवाओं से उनकी हर तरह से तीमारदारी की। इसके लिए उन्होंने हमारा शुक्रिया भी अदा किया।
वीडियो वायरल होने का बाद उठी लालचंदानी पर कार्यवाई की मांग
सोशल मीडिया पर वीडियो होते ही कई लोगों ने डॉक्टर आरती लालचंदानी की बातों पर आपत्ति जताते हुए उन पर कार्रवाई की माँग की है।
क्या बोलीं कानपुर से पूर्व सांसद और सीपीएम नेता सुभाषिनी अली
पत्रकारों से बातचीत करते हुये सुभाषिनी अली ने कहा “प्राचार्य असंवैधानिक और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए इलाज के किये अस्पताल लाये गये अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को आतंकवादी बता रही हैं। उन्हें सरकारी मदद से वंचित रखने और उनका इलाज नहीं होना चाहिए जैसी बातें कर रही हैं। हमने ज़िला प्रशासन से माँग की है कि वो वीडियो सही पाए जाने पर प्राचार्य के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए।
क्या बोले कानपूर शहर क़ाज़ी मौलाना ओसामा क़ासमी
कानपुर शहर क़ाज़ी मौलाना ओसामा क़ासमी ने डॉक्टर लालचंदानी को मेडिकल कॉलेज पर कलंक बताते हुये प्राचार्य पद के लिए अयोग्य करार दिया है। शहर क़ाज़ी क़ासमी ने कहा “कानपुर का यह मेडिकल कॉलेज गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम पर है जो हिन्दू-मुस्लिम एकता के बड़े अलमबरदार थे। ऐसी शख़्सियत के नाम पर बने मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल की साम्प्रदायिकता के ज़हर में डूबी हुई मानसिकता हमारे शहर और मेडिकल कॉलेज जैसी गौरवशाली संस्था पर कलंक है। वो इस पद पर बैठने लायक नहीं हैं।
कानपुर के वकील रईस ख़ान ने डॉक्टर आरती लालचंदानी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
फ़िलहाल अभी किसी भी तरफ़ से कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं हुई है।
इस मामले में आगे की किसी भी कार्रवाई के बारे में ज़िला प्रशासन और शासन स्तर पर कोई अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नही है। हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक ज़िला प्रशासन की ओर से शासन स्तर पर पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है। अटकलें लगायी जा रही हैं कि सरकार द्वारा प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी के ख़िलाफ़ जल्द ही कोई कार्यवाई की जायेगी।