नई दिल्ली : डॉ कफील खान ने इंडियन मेडिकल एसोसएशन सहित 5 फोरमों को पत्र भेजकर गुजारिश की है कि वे उनके निलंबन को समाप्त करवाने में मदद करें, कफील खान ने आरोप लगाया कि जिस ऑक्सीजन कांड में अन्य निलंबित डॉक्टरों को बहाल कर दिया गया, उसी में उनकी बहाली नहीं की जा रही है, डॉक्टर कफ़ील खान ने इंडियन मेडिकल एसोसिएसन, इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स, नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम, प्रोग्रेसिव मेडिकोस एंड साइंटिस्ट्स फोरम और मेडिकल सर्विस सेंटर को पत्र लिख कर अपने निलम्बन को ख़त्म कराने में मदद मांगी है, खान का कहना है कि वो बीआरडी मेडिकल त्रासदी के बाद कोर्ट, 9 अलग-अलग जांच में उन्हें क्लीन चिट मिलने के बावजूद से पिछले 3 वर्षों से निलम्बित हैं.

खान ने कहा कि बाक़ी डॉक्टर जो बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ऑक्सीजन त्रासदी में निलम्बित हुए थे, उनकी बहाली हो गई है, उन्होंने योगी सरकार को 25 से अधिक पत्र लिखकर अपनी बहाली के लिए निवेदन किया है ताकि वो इस समय कोरोना महामारी के समय देश की सेवा कर सकें, लेकिन योगी सरकार उनकी बहाली नहीं कर रही, डॉ कफील का नाम 3 साल पहले सुर्खियों में आया था, इन्सेफेलाइटिस बीमारी प्रभावित गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से बच्चों की मौत हो गई थी, अगस्त 2017 में हुए इस कांड के बाद योगी सरकार ने प्राइवेट प्रैक्टिस करने और ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए डॉ कफील को इन्सेफेलाइटिस वार्ड के नोडल ऑफिसर इनचार्ज के पद से हटा दिया था.

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डॉ कफील को निलंबित कर दिया गया था और उन्हें जेल भेज दिया गया, कफील ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी की सूचना मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, सीएमओ से लेकर जिले के डीएम तक को दी गई थी, ऑक्सीजन के लिए लोकल सप्लायर और दूसरे अस्पतालों में भी संपर्क किया था, 9 महीने जेल में रहने के बाद अप्रैल 2018 में डॉक्टर कफील को जमानत मिल गई, बाहर आने के बाद भी वह बच्चों की मौत को नरसंहार बताते रहे और यूपी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते रहे.

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