लखनऊ (यूपी) : योगी सरकार ने डॉ कफील खान की नजरबंदी को खारिज करने पर SC में चुनौती दी है, कफील खान को भड़’काऊ बयान मामले में NSA के तहत नजर’बंद किया गया था.

इस मामले में इलहाबाद HC से राहत मिलने के बाद कफील को रिहा कर दिया गया था, कफील खान गोरखपुर मेडिकल में डॉ थे.

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योगी सरकार ने SC में कफील पर लगे आरोपों को गंभीर बताया है, SC में योगी सरकार ने कहा है कि इलाहाबाद HC ने कफील पर लगे आरोपों की पूरी समीक्षा नहीं की.

बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर भड़’काऊ बयान देने के आरोप में कफील को गिरफ्तार किया गया था, 1 सितंबर को इलाहाबाद HC ने कफील पर लगाए गए एनएसए को गलत बताते हुए हटाते हुए तुरंत रिहाई के आदेश दिए थे.

न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिये थे.

कफील की रा’सुका अवधि गत 6 मई को तीन माह के लिये और बढ़ाया गया था, 16 अगस्त को अलीगढ़ जिला प्रशासन की सिफारिश पर राज्यपाल ने 15 अगस्त को उनकी रासुका की अवधि 3 माह के लिये और बढ़ा दी थी.

पिछले साल अगस्त में कफील खान को गिरफ्तार किया गया था, कफील पर अलीगढ़ में भड़’काऊ भाषण देने का आरोप लगा था.

कफील अगस्त 2017 में गोरखपुर कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौ’त के मामले से चर्चा में आये थे.

कफील को पिछले साल दिसम्बर में अलीगढ़ विश्वविद्यालय में सीएए के विरोध में भड़’काऊ भाषण देने के आरोप में इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था.

उन्हें मथुरा जेल भेजा गया था, फरवरी में उन्हें अदालत से जमानत मिल गयी थी, मगर जेल से रिहा होने से पहले 13 फरवरी को उन पर रासुका के तहत कार्यवाही कर दी गयी थी, जिसके बाद से वह 1 सितंबर तक जेल में रहे.

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