नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार ने किसान आंदोलन से डरकर यू टर्न ले लिया है और अब जिला पंचायत चुनाव को पार्टी के चिन्ह पर नहीं कराने का फैसला किया है।
जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले कहा था कि पंजायत चुनाव जनता से होने चाहिए और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव सिंबल पर होंगे। यूपी की भाजपा सरकार को अब पता चल गया है कि जिला पंचायत के चुनावों में सबसे ज्यादा किसान मतदाता हैं। उन्हें चुनावों में हार और जमानत जप्त होने का डर है।
अगर कृषि कानून किसानों के भले के लिए हैं, तो आदित्यनाथ सरकार पार्टी सिंबल पर पंचायत चुनाव कराने से क्यों डर रही है? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के आगामी जिला पंचायत चुनाव में सभी सीटों पर लड़ेगी। पार्टी की सभी जिलों में चुनाव लड़ने की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है।
संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में बुधवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनावों को लेकर तारीख पर तारीख लग रही है। ग्राम प्रधानों के कार्यकाल लगभग चार-पांच महीने पहले खत्म हो गए हैं।
चुनाव समय से पहले होना चाहिए था, लेकिन यूपी सरकार उसको टालती गई। अब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई तो कहते हैं कि हम चुनाव करा देंगे, हमारी तैयारी है। इसके बाद हाइकोर्ट ने 30 अप्रैल तक चुनाव कराने का स्पष्ट आदेश दिया।
अब पता चला है कि कैबिनेट के माध्यम से एक नया शासनादेश लेकर आ गए हैं। उत्तर प्रदेश में पूरी आरक्षण प्रक्रिया को बदल रहे हैं। यानी अपने मन मुताबिक सीटों का आरक्षण कराने के लिए आदित्यनाथ सरकार ने नियमों में ही बदलाव कर दिया है। यह क्यों कर रहे हैं?
संजय सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जनता से होने चाहिएं। ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता से होना चाहिए। जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव सिंबल पर होंगे।
मैंने और आम आदमी पार्टी ने इसका स्वागत किया था। हमने खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि अच्छी बात है कि पंचायतों में कम से कम राजनीतिक दल अपने सिंबल पर चुनाव लड़ सकेंगे। अपने प्रत्याशी खड़ा कर सकेंगे।
अब किसान आंदोलन से डरकर फैसला बदल दिया है। बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर, नोएडा, दादरी, पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में जिस प्रकार से किसान आंदोलन तेजी के साथ बढ़ रहा है, उससे आदित्यनाथ बुरी तरीके से डर गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ने से पहले ही मैदान छोड़कर भाग गई। अब कह रहे हैं कि हम जिला पंचायत के चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ेंगे। क्योंकि किसान, आंदोलन पर बैठे हैं। लोकतंत्र में दिए गए अपने वोट के अधिकार की ताकत से इनको सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।
क्योंकि जिला पंचायत के चुनाव भाजपा अपने सिंबल पर लड़ती है, तो किसान जमानत जप्त कराकर वापस उनको घर भेज सकता है। इसके कारण घबराकर डर से भारतीय जनता पार्टी चुनाव छोड़कर भाग गई है।
अब कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव सिंबल पर नहीं होगा। यह अजीब बात है, क्योंकि जो पार्टी 325 सीटें लेकर सत्ता में है, वो अब सिंबल पर चुनाव कराने से डर रही है।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा कहती है कि किसानों के भले के लिए कानून लेकर आए हैं। जब किसानों के भले में कानून लेकर आए हो तो जिला पंचायत के चुनावों में सबसे ज्यादा किसानों की भागीदारी होगी।
आप सिंबल पर चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं? सिंबल पर चुनाव लड़ने की आपकी हिम्मत क्यों नहीं पड़ रही है, क्योंकि आपको हार का और जमानत जप्त होने का डर है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी का विस्तार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। पंचायत के चुनाव के लिए हम लोगों की तैयारी हर जिले में युद्ध स्तर पर चल रही है। इस बार करीब 3050 सीटों पर पंचायत के चुनाव होने जा रहे हैं।
पता चला है कि सीटों की संख्या कम की जाएगी। आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ेंगे। इसकी तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी चैधरी सुरेंद्र कुमार के प्रयासों से बहुत सारे लोग आज पार्टी में शामिल हो रहे हैं।