नई दिल्लीः कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 के लगभग हट जाने के बाद से कश्मीर में कर्फ्यू लगा हुआ है, कश्मीर के अलगाववादी नेताओ को नज़रबंद कर रखा है। साथ ही कश्मीर में कर्फ्यू होने के कारण आम लोग भी घरों में कैद होकर रह गए हैं। इस पर पूर्व आईपीएस ध्रुव गुप्त ने मोदी सरकार को एक सलाह दी है। उन्होंने मोदी सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा है कि आतंक और अलगाववाद को रोकिए, विरोध-प्रदर्शनों को बिल्कुल नहीं।
ध्रुव गुप्त ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35ए हट गया। आतंक पर कारगर नियंत्रण केलिए एक मुकम्मल राज्य को अस्थायी तौर पर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। यह समय की ज़रूरत थी। इस बदलाव को जम्मू कश्मीर के लोगों के नज़रिए से देखना अभी बाकी है।
ध्रुव गुप्त ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके, प्रदेश को ताले से बाहर निकालिए ! सड़कें खोल दीजिए ! मुख्यधारा के राजनेताओं को मुक्त करिए ! वहां के लोगों में असंतोष है तो उसे व्यक्त होने दीजिए ! उनमें गुस्सा है तो उसे शांतिपूर्ण तरीके से प्रकट होने दीजिए ! आतंक और अलगाववाद को रोकिए, विरोध-प्रदर्शनों को बिल्कुल नहीं ! उनकी सुनिए। उनसे संवाद कीजिए।
उन्होंने मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि अपने मंत्रियों और सांसदों को वहां लगाईए ! वहां के लोगों को विशेष दर्ज़े के छद्मलोक से बाहर निकालिए। उन्हें भरोसा दिलाईए कि कश्मीर में यह बदलाव देश के ही नहीं,ख़ुद कश्मीर के भी हित में है।अगले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर को विकास की राह पर लाने और वहां के युवाओं को रोज़गार देने की कुछ बड़ी घोषणाएं कीजिए!
पूर्व आईपीएस ध्रुव गुप्त ने कहा कि अगर संवाद के सभी रास्ते अविलंब नहीं खोले गए तो देश और प्रदेश के हित में लिया गया यह ज़रूरी फ़ैसला देश के लिए दुःस्वप्न भी साबित हो सकता है।