नई दिल्ल : दुर्गेश पाठक ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए कहा कि एमसीडी ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट दी है कि वे 2022 में कूड़े के ढेर हटाने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट बना रहे हैं। इस दौरान न तो कूड़े की डंपिंग बंद होगी और न ही किसी भी लैंडफिल साइट की ऊंचाई कम होगी।

इनके नेता बड़े-बड़े दावे करते हैं कि लैंडफिल साइट पर इतना कूड़ा कम किया लेकिन इनकी खुद की रिपोर्ट उनके दावों को गलत साबित कर रही है। भाजपा की रिपोर्ट कहती है कि पूर्वी एमसीडी में रोजाना 2800 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है लेकिन इसमें से केवल 1300 मीट्रिक टन कूड़ा गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर ट्रीट किया जाता है।

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उत्तरी दिल्ली से रोज 4000 मीट्रिक टन कूड़ा पैदा होता है। इसमें से केवल 2000 मीट्रिक टन कूड़ा भल्सवा लैंडफिल साइट पर ट्रीट किया जाता है। दक्षिणी दिल्ली से रोज 3600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है, इसमें से केवल 1600 मीट्रिक टन कूड़ा ओखला लैंडफिल साइट पर ट्रीट किया जाता है।

इसके अलावा बचा हुआ सारा कूड़ा लैंडफिल साइट पर ही छोड़ दिया जाता है। ऐसे में अगर कूड़ा कम ही नहीं हो रहा है तो भाजपा के नेता और महापौर किस बात के दावे कर रहे हैं?

दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली में अगले दो सालों तक गंदगी और कूड़े के ढेर से छुटकारा नहीं मिलने वाला है। एमसीडी ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट दी है कि वे 2022 में कूड़े के ढेर हटाने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट बना रहे हैं।

भाजपा शासित एमसीडी का कहना है कि इस नए ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से न तो लैंडफिल साइट पर कूड़ा जाएगा और न ही उनकी ऊंचाई बढ़ेगी। भाजपा ने इसपर एक विस्तृत रिपोर्ट भी दी है लेकिन भाजपा की यह रिपोर्ट उन्हीं पर उल्टी पड़ गई है।

दरअसल इस प्लांट को बनाने के दौरान न तो कूड़े की डंपिंग बंद होगी और न ही किसी भी लैंडफिल साइट की ऊंचाई कम होगी। ऐसे में सभी लैंडफिल साइटों पर कूड़े का ढेर बढ़ता ही चला जाएगा।

तीनों एमसीडी की रिपोर्ट के आंकड़ें बताते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली में तीन लैंडफिल साइट हैं। पहली भलस्वा, दूसरी गाज़ीपुर और तीसरी ओखला में है। दिल्ली की जनता को परेशान करने के किए भाजपा ने अब नया तरीका अपनाया है।

भाजपा के बड़े नेता मनोज तिवारी, गौतम गंभीर और तीनों एमसीडी के महापौर ने इससे दो महीने पहले दावा किया था कि सभी लैंडफिल साइट को 12 से15 मीटर तक घटा दिया गया है लेकिन इनकी रिपोर्ट साफ दिखाती है कि यहां कूड़ा रोज़ बढ़ रहा है। ऐसे में इनकी लंबाई कैसे घट सकती है?

भाजपा ने जो रिपोर्ट दिल्ली सरकार को दी है उसके अनुसार पूर्वी एमसीडी में रोजाना 2800 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इसमें से केवल 1300 मीट्रिक टन कूड़ा गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर ट्रीट किया जाता है और बचे हुए 1500 मीट्रिक टन कूड़े को लैंडफिल साइट पर ही छोड़ दिया जाता है। उत्तरी दिल्ली से रोज 4000 मीट्रिक टन कूड़ा जेनरेट होता है।

इसमें से केवल 2000 मीट्रिक टन कूड़ा भल्सवा लैंडफिल साइट पर ट्रीट किया जाता है और बचे हुए 2000 मीट्रिक टन कूड़े को साइट पर ही छोड़ दिया जाता है। दक्षिणी दिल्ली से रोज 3600 मीट्रिक टन कूड़ा जेनरेट होता है।

इसमें से केवल 1600 मीट्रिक टन कूड़ा ओखला लैंडफिल साइट पर ट्रीट किया जाता है और बचे हुए 2000 मीट्रिक टन कूड़े को वहीं छोड़ दिया जाता है। ऐसे में अगर कूड़ा कम ही नहीं हो रहा है तो भाजपा के नेता और महापौर किस बात के दावे कर रहे हैं?

दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली की भाजपा की रिपोर्ट उन्हीं के दावों को गलत साबित कर रही है और उनकी पोल खोल रही है। जिस लैंडफिल पर कूड़ा कम ही नहीं किया जा रहा है तो उसकी लंबाई कैसे कम हो सकती है?

इससे जाहिर है कि एमसीडी में बैठी भाजपा एक बार फिर से दिल्ली कि जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। तीनों साइट पर सुधार की गुंजाइश तो न के बराबर नज़र आ रही है लेकिन भाजपा जिस प्लांट का ज़िक्र कर रही है उससे यह तय है कि दिल्ली और गंदी होने वाली है।

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