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ग़ाज़ियाबाद: जीडीए की बड़ी कार्यवाई, 40 भवन सील, 9 बिल्डरों पर कार्यवाई

शमशाद रज़ा अंसारी

स्वीकृत यूनिट से अधिक तथा लॉक डाउन के दौरान भवन निर्माण करना बिल्डरों पर भारी पड़ गया। जीडीए ने बड़ी कार्यवाई करते हुये 40 भवनों को सील करते हुये 9  बिल्डरों पर मुकदमा दर्ज़ कराया है। जीडीए ने सभी जोन में एकल यूनिटों पर तय मानकों से अधिक यूनिटों का निर्माण करने वाले बिल्डरों के खिलाफ अभियान छेड़ा था। इस दौरान जीडीए ने एकल यूनिटों पर तय मानकों से अधिक यूनिटों का निर्माण करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए कई भवनों को सील कर दिया था।

जिनमें राजेंद्रनगर,साहिबाबाद ग़ाज़ियाबाद सैक्टर-2, 3, व 5 ज़ोन-7 प्रवर्तन से सम्बंधित विभिन्न विकासकर्ताओं द्वारा निर्माण किये जा रहे आवासीय भवनों में स्वीकृति से अतिरिक्त यूनिटों का निर्माण किये जाने पर इन्हें भी सील किया गया था। इसके बाद कुछ बिल्डरों द्वारा उन भवनों की सील खुद ही खोल कर चोरी छुपे रात के दौरान उन भवनों में निर्माण का काम जारी रखा था।

गुरुवार को जीडीए को यहाँ फिर निर्माण कार्य होने की सूचना मिली। सूचना मिलने पर जीडीए ने दोबारा इन बिल्डरों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 40 बिल्डिंग को सील कर दिया तथा इनके विरुद्ध साहिबाबाद थाने में दोबारा मुकदमा दर्ज़ करा दिया।

इसके अलावा कोविड-19 महामारी के अंतर्गत 22 मार्च से जीडीए ने सभी निर्माण बन्द करा दिए थे। इसके बावजूद कुछ विकासकर्ताओं ने रात में चोरी निर्माण कार्य जारी रखा तथा कुछ खरीदार व्यक्तियों को भवनों में प्रवेश कराया। ऐसे विकासकर्ताओं/खरीदारों के विरुद्ध भी साहिबाबाद थाने में मुकदमा दर्ज़ कराया गया है।

जिनमें साहिबाबाद के राजेंद्रनगर स्थित सेक्टर-2 से रवि मोहन व योगेश गोयल, मैसर्स शक्तिहाउस कंपनी की निदेशिका वंदना गुप्ता, राजेंद्रनगर सेक्टर-5 में मुकेश कुमार यादव, मिथिलेश गर्ग, अनिल गर्ग, साहिबाबाद की राधेश्याम पार्क में वाईपी सिंह व जेके सारस्वत, मनोज कुमार, साहिबाबाद के स्वरूप पार्क में शिवांक रस्तोगी, श्याम पार्क मेन में संदीप रस्तोगी व मनोज चौधरी शामिल हैं।

जीडीए की चेतावनी

प्रवर्तन ज़ोन-7 प्रभारी सी.पी. त्रिपाठी का कहना है कि अभी भी कुछ बिल्डर अनाधिकृत और नियमों के विरुद्ध जाकर चोरी छुपे बिल्डिंग का निर्माण कार्य कर रहे हैं। सूची में दिए गये निर्माणों की कोई खरीदारी न करे। अन्यथा अपने नुकसान का वह स्वयं उत्तरदायी होगा। क्योंकि इन निर्माण का ध्वस्तीकरण किया जाना प्रस्तावित है।

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