शमशाद रजा अंसारी

लॉकडाउन को लगे हुये 55 दिन से अधिक हो गये हैं। लॉकडाउन होने के कारण ठप्प हुये रोज़गार से ग़रीबों के सामने खाने पीने की दिक्कत पेश आ रही है। सबसे ज़्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ी है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण रोज़गार को लेकर पनपी अनिश्चितता के चलते प्रवासी मजदूर पलायन करने को विवश हैं। हालाँकि इस दौरान सरकार ने खाने पीने की व्यवस्था तो करी लेकिन वह अपर्याप्त रही। सरकारी मदद हमेशा की तरह सभी लोगों तक नही पँहुच सकी। बिगड़ते हालात में सामाजिक संस्थाओं ने भी जरूरतमन्दों के लिए राशन आदि का प्रबन्ध किया।

देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App

व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत लोग ग़रीबों की मदद के लिए आगे आये। सामाजिक संस्था मीम द्वारा किया गया सराहनीय कार्य तो सर्वविदित है। आज के समय में मीम को किसी पहचान की ज़रूरत नही है। मीम के अलावा मुख्य रूप से निम्न संस्थाओं तथा व्यक्तियों ने भी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाये हैं रत्नेश सिंह द्वारा बनाई गयी लक्ष्य मिशन संस्था द्वारा कई जगहों पर ग़रीब मजदूरों को राशन,तैयार खाना, कही फंसे लोगों को राशन तथा नगदी भी उपलब्ध कराई गयी। संस्था ने गाज़ियाबाद, नोएडा के साथ अन्य राज्यों के लोगों को भी सहायता पहुँचायी है। शालू पांडे द्वारा चलाई जा रही पगडंडियां संस्था ने ग़रीबों को भोजन के साथ साथ कच्चे राशन की किट भी उपलब्ध कराई।

ज्योत्सना द्वारा चलाई जा रही हेल्पिंग रे संस्था द्वारा लगातार विभिन्न जगहों पर ग़रीब मजदूरों को मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट तथा कोरोना वायरस से बचने हेतु जानकारी प्रदान की गयी है। सुनिल कॉलोनी बुराड़ी, संतनगर, मुखर्जी नगर, ढ़ाका गांव तक जरूरत मंदों को मदद पँहुचाई गयी। रचना शाही द्वारा चलाई जा रही संस्था अद्रिका द्वारा विभन्न जगहों पर जरूरतमन्दों को मदद पँहुचाई जा रही है। आचार्य तरुण मानव गुप्ता द्वारा चलाई जा रही अन्न पात्र संस्था लॉक डाउन में अब तक 82000 खाने के पैकिट तथा 1500 से अधिक राशन के पैकिट बाँट चुकी है।

कांग्रेस कमेटी ग़ाज़ियाबाद के पूर्व वार्ड 92 के पार्षद मरगूब अहमद के द्वारा भी क्षेत्रवासियों की हरसम्भव मदद की जा रही है। महानगर अध्यक्ष नरेंद्र भरद्वाज के आवास से निरन्तर कांग्रेस रसोई का संचालन हो रहा है। इसके अलावा नरेंद्र भरद्वाज द्वारा मजदूरों को अपने गृह जनपद जाने के लिए आर्थिक मदद भी दी गयी है। उद्योगपति साबिर मलिक के पुत्र आरएसएस के सदस्य रूमान मलिक ने जरूरतमन्दों को भोजन तथा फल बाँटे। हिंडन विहार स्थित आयशा मस्जिद के सदस्यों ने घर जा रहे मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था की। इस्लामनगर निवासी परवेज आलम ने लगभग 500 ज़रूरतमंदों परिवारों को राशन की किट बाँटी। पानीपत से बदायूं जा रहे प्रवासी मजदूरों को पूर्व जिला अध्यक्ष हामिद अली ने जल पान कराया और आर्थिक सहायता की। गफ्फार मंजिल ओखला दिल्ली के रहने वाले शादाब आलम लॉक डाउन के पहले दिन से ही जरूरतमन्दों की मदद कर रहे हैं। शादाब आलम बिना सुर्ख़ियों में आये राशन की पूरी किट बाँट रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here