रत्नेश सिंह, शमशाद रज़ा अंसारी
स्कूलों की मनमानी लूट के खिलाफ वर्षों से लड़ाई लड़ रही ग़ाज़ियाबाद पैरेन्ट्स एसोसिएशन आज पाँच दिनों से कोरोना काल की तिमाही फीस माफी एवं अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी है। जब 2 सितंबर को भूख हड़ताल शुरू हुई तो इसका आगाज संगठन की तीन महिला पदाधिकारियों ने किया उसके बाद उनके पीछे समर्थन देने वाले अभिभावकों, राजनीतिक पार्टीयों से लेकर किसान यूनियन का कारवां जुड़ता चला गया। हालाँकि पांच दिन में दो महिलाओं की तबियत ज्यादा बिगड़ जाने के कारण अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लेकिन उसके बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं हुए। अस्पताल में पड़ी महिलाएं भी वापस अनशन स्थल पर पहुँचने की जिद्द कर रही हैं। वहीं शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय जो कि आज सबसे बड़ा व्यापार का रूप ले चुका है। इनके व्यापारियों को इन पीड़ित अभिभावकों के पीड़ा से कोई लेना-देना नहीं है उन्हें तो अपने फीस से मतलब है। शिक्षा की इन दुकानों पर जिला प्रशासन का भी कोई नियंत्रण नहीं है। यहाँ तक कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दर्जनों स्कूलों को नोटिस देने के बाद भी स्कूलों पर कोई असर नहीं होता। सबसे बड़ी बात तो ये है कि जिला प्रशासन अपने ही दिए गए आदेशों-निर्देशों का अनुपालन कराने में बौना साबित हो रहा है। वहीं कई स्कूलों के प्रबन्धकों का अभिभावकों से कहना है कि चाहे अपना घर बेच दो, लेकिन हमें फीस चाहिए।
जबकि अभिभावकों एवं अभिभावक संघ का कहना है कि कोरोना के वजह से हुए लॉक डाउन के कारण कतिपय अभिभावकों की नौकरी चली गयी तो कितनों के रोजगार बन्द हो गए। ऐसे में जीवनयापन करना ही मुश्किल साबित हो रहा है। कोरोना में हुए आर्थिक तंगी के वजह से कहीं आमजन आत्म हत्या कर रहें है तो कहीं स्कूलों द्वारा पढ़ाई रोके जाने या मानसिक रूप से प्रताड़ित होने के वजह से छात्र-छात्राएं आत्महत्या कर रहे हैं। फिर भी स्कूल और प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं है। अभिभावकों के अनशन में पहुँचें किसान नेता जय कुमार मालिक ने बताया कि सोमवार के दिन हम किसान सैकड़ों लोगों के साथ इस अनशन को आंदोलन में बदलने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगें। वहीं अनशन में पहुँचें आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष चेतन त्यागी ने कहा कि प्रदेश सरकार निकम्मी हो चुकी है। न तो इनका अपराध पर नियंत्रण है और न ही शिक्षा माफियाओं पर। ऐसे में सरकार से किसी भी राहत की उम्मीद करना बेकार है।
इस दौरान अनशन में पँहुचे ग्रेटर नोएडा स्थित चौधरी लखपत सिंह हाईस्कूल के प्रबन्धक अंकुर भाटी को तीन महीने की फीस माफ़ करने पर पेरेंट्स एसोसिएशन ने गुलदस्ता देकर सम्मानित किया।
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