शमशाद रज़ा अंसारी
देश की राजधानी दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद में बदमाश जम कर आतंक मचा रहे हैं। पुलिस की क्राइम मीटिंग पर बदमाशों की क्राइम मीटिंग पूरी तरह भारी पड़ रही है। पुलिस की क्राइम मीटिंग की सफलता का परिणाम कहीं नही दिख रहा जबकि बदमाश अपनी क्राइम मीटिंग की सफलता का उदाहरण प्रतिदिन प्रस्तुत कर रहे हैं। मुस्तैद पुलिसिंग को धता बताते हुये बदमाशों का आतंक दिन-रात लगातार ज़ारी है। पुलिस की निष्क्रियता से जनपद में बदमाश आबाद और व्यापारी बर्बाद हो रहे हैं। बीते चौबीस घन्टों में ही बदमाशों ने चोरी की वारदातों के साथ-साथ दो लूट की वारदातें भी कर डालीं। चिन्दी चोरों को पकड़ कर उन पर अल्प्राजोलम लगा कर अपनी पीठ थपथपाने वाली जनपद पुलिस के बड़ी वारदातों के मामलों में हाथ पूरी तरह खाली हैं।
लूट की ताज़ा वारदात कविनगर थाना क्षेत्र के पॉश इलाके राजनगर सेक्टर 7 में हुई। यहाँ पर बाइक सवार बदमाश कलेक्शन एजेंट से हथियारों के बल पर करीब सवा लाख रुपए लूट कर फरार हो गए। वारदात का शिकार हुये युवक ने पुलिस को बताया कि कल रविवार होने की वजह से कलेक्शन के रुपये बैंक में जमा नहीं हुए थे। आज और कल कलेक्ट हुए सभी रुपये, जेब और बैग में थे। जेब में करीब तीस हजार और बैग में सवा लाख रुपये थे। पीछे से बदमाश आए और बाइक की चाबी निकाल कर बैग छीन कर ले गए।
क्षेत्राधिकारी अवनीश कुमार ने बताया कि कविनगर थाना क्षेत्र के सेक्टर-7 में एक व्यक्ति से रुपयों का बैग छीने जाने की सूचना मिली है। पीड़ित व्यक्ति द्वारा बताया गया है कि बैग में एक से सवा लाख रुपए के करीब थे। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आसपास के सीसीटीवी खंगाल कर बदमाशों की पहचान की जा रही है। जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर इस घटना का खुलासा किया जाएगा।
बता दें कि रविवार को भी तेल व्यापारी के मुनीम से सिहानी गेट इलाके में दिनदहाड़े रुपयों से भरा हुआ बैग छीन लिया गया था। पीड़ित मुनीम भी कलेक्शन के रुपये लेकर वापस लौट रहे थे। इसके अलावा बदमाशों ने बीते चौबीस घन्टों में जनपद में थाना सिहानी गेट क्षेत्र में कार से टायर चोरी, बैट्री चोरी और थाना साहिबाबाद क्षेत्र में घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
हालाँकि पुलिस लगातार वारदातों का खुलासा करने का दावा करती रहती है। लेकिन पुलिस के खाते में अल्प्राजोलम के साथ केवल चिन्दी चोरों का दिखना पुलिस के दावों को खोखला साबित करता है। लूट-चोरी की वारदातों के साथ-साथ विक्रम त्यागी और पराग घोष की गुमशुदगी जनपद पुलिस की असफलता की कहानी बयान कर रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि उठाईगिरों पर अल्प्राजोलम लगा कर जनपद पुलिस कब तक अपनी पीठ थपथपाती और बड़े अपराधियों से मात खाती रहेगी। कब जनपदवासी स्वयं को सुरक्षित महसूस करेंगे।