एम ओवैस
नई दिल्ली : हज यात्रा-2021 को लेकर अभी भी असमंजस बरकरार है। सऊदी अरब सरकार की तरफ से हज यात्रा से सम्बंधित किसी भी तरह का कोई दिशा-निर्देश अब तक जारी नहीं किए जाने से भारत से हज यात्रा पर जाने के इच्छुक लोगों में बेचैनी है। हज यात्रा का प्रबंध करने वाली हज कमेटी ऑफ इंडिया का कहना है कि जब तक सऊदी अरब सरकार की तरफ से हज को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया जाता है, तब तक हम इस सिलसिले में कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने की स्थिति में नहीं हैं।
कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान का कहना है कि हमने अपने स्तर पर कोविड-19 महामारी के लिए बने प्रोटोकॉल के तहत सारी तैयारियां की हैं, लेकिन सऊदी अरब हुकूमत की तरफ से हज यात्रा के सम्बंध में क्या प्रोटोकोल अपनाया जाएगा, उसके मुताबिक ही हमें भारत से हज यात्रियों को सऊदी अरब भेजना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब के पवित्र मक्का शरीफ का हज करने के लिए भारत सहित दुनियाभर के यात्री वहां जाते हैं। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले वर्ष सऊदी सरकार की तरफ से दुनिया भर के यात्रियों को सऊदी अरब आने से रोक दिया गया था। सऊदी अरब सरकार ने पिछले वर्ष सऊदी अरब में रह रहे महज 10 हजार यात्रियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हज करने की इजाजत प्रदान की थी। इस वर्ष की यात्रा के लिए सऊदी अरब सरकार की तरफ से किस तरह की तैयारी की जा रही है, उसकी अभी तक कोई रूपरेखा सामने नहीं आई है।
बताया जा रहा है कि सऊदी अरब सरकार की तरफ से दुनियाभर के देशों के निर्धारित कोटे को कम करने की बात की जा रही है। काबिले जिक्र है कि सऊदी अरब ने भारत का कोटा 2 लाख 50 हजार तय किया है। यानी भारत से इतने यात्री हज यात्रा के लिए जा सकते हैं। सऊदी अरब से जो खबरें प्राप्त हो रही हैं, उन पर अगर विश्वास किया जाए तो भारत के तय कोटे में कटौती करके मात्र 20 प्रतिशत करने की तैयारी की जा रही है। इसमें भी 20 वर्ष से 50 वर्ष आयु के यात्रियों को ही यात्रा करने की इजाजत देने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही हज यात्रियों की कोरोना वायरस की रिपोर्ट और कोरोना वैक्सीन लगाने की रिपोर्ट मांगने की तैयारी की जा रही है।
इस सम्बंध में नाज़ वेलफेयर सोसायटी के महासचिव और हज यात्रा से सम्बंधित मामलों के विशेषज्ञ फैजान देहलवी का कहना है कि सऊदी अरब के आर्थिक हालात हज, उमरा और जियारत पर ही पूरी तरह से निर्भर हैं। कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल वहां पर दुनियाभर से हज यात्री नहीं जा पाए और उसके बाद उमरा और जियारत के लिए भी सऊदी अरब सरकार की तरफ से बहुत कम यात्रियों को वीजा प्रदान किया जा रहा है। उनका कहना है कि पवित्र शहर मक्का, मदीना में सारा कारोबार हज, उमरा और जियारत के यात्रियों से चलता है। पिछले साल हज नहीं होने और उमरा के लिए बहुत ही कम लोगों के वहां आने की वजह से वहां की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है जिसे सरकार की तरफ से हज यात्रा-2021 का आयोजन कर कुछ हद तक सुधारने का प्रयास किया जा सकता है।
हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ मकसूद अहमद खान ने बताया कि जैसे ही सऊदी अरब सरकार की तरफ से हज यात्रा से सम्बंधित हमें दिशा-निर्देश प्राप्त होगा, वैसे ही हम इसकी तैयारियों में जुट जाएंगे। खान ने बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया को इस वर्ष की यात्रा के लिए महज 58 हजार आवेदन पत्र ही प्राप्त हुए हैं जिसमें महिलाएं और सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। अगर सऊदी अरब सरकार की तरफ से हमारा तय कोटा कम किया जाता है और आयु वर्ग की सीमा तय की जाती है तो हमें इन्हीं आवेदनकर्ताओं में से यात्रियों का चयन करके उन्हें हज यात्रा के लिए भेजना पड़ेगा।