नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट ने सूबे के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह चुडास्मा का चुनाव रद्द कर दिया है, कोर्ट ने यह फ़ैसला चुनाव जीतने के लिए ग़लत तरीक़े अपनाने और जोड़तोड़ करने के आधार पर किया है, चुडास्मा 2017 के चुनाव में अहमदाबाद के धोलका विधानसभा क्षेत्र से 327 मतों से जीते थे,
उनके पास विजय रुपानी सरकार में मौजूदा समय में शिक्षा, क़ानून और न्याय, विधायिका और संसदीय मामले तथा कुछ दूसरे विभागों के मंत्रालय थे, कोर्ट ने चुनाव रद्द करने का यह फ़ैसला उनके प्रतिद्वंदी और चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अश्विन राठोड़ की याचिका पर सुनाया है, अपनी याचिका में राठोड़ ने चुडास्मा पर चुनाव प्रक्रिया के दौरान भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने और चुनाव आयोग के कई ज़रूरी निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था, ख़ास कर इसमें मतगणना के समय बड़ी हेराफेरी का आरोप लगाया गया था,
राठोड़ ने याचिका में कहा था कि रिटर्निंग अफ़सर ने पूरी मतगणना प्रक्रिया को ही मैनिपुलेट कर दिया था और इस तरह से उनके विरोधी को ग़लत तरीक़े से बढ़त दिला दी थी, उन्होंने पोस्टल बैलेट के तौर पर आए 429 मतों की फिर से काउंटिंग की माँग की थी,
सुनवाई के दौरान जस्टिस परेश उपाध्याय ने इस बात को नोट किया कि चुडास्मा उस रिटर्निंग अफ़सर से मिले हुए हैं जिसने जान बूझ कर पोस्टल बैलेट मतों की गिनती को दरकिनार कर दिया, और फिर इसके साथ ही जस्टिस उपाध्याय ने उनके वकील के स्टे देने की अपील को ख़ारिज कर दिया, एक मौजूदा मंत्री के ख़िलाफ़ कोर्ट की अपने क़िस्म की यह अनोखी कार्रवाई है, हालाँकि उनके पास ऊपरी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प अभी भी खुला हुआ है