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मुझे गालियां भी देते हैं, मुझे पत्र भी लिखते हैं, युवाओं में थोड़ा तो स्वाभिमान होना चाहिए- रवीश कुमार

रवीश कुमार 

SSC की परीक्षा के लिए कुछ बोल दीजिए……..

मैं  रोज़ एक सज़ा से गुज़रता हूं। यह सज़ा नियति ने तय की है। यह सत्य है कि आज का युवा का व्यापक हिस्सा सांप्रदायिकता और धर्मांधता की चपेट में है। उसका ब्रेन वॉश हो चुका है। इस आंधी ने उसे गालियां देने वाली मशीन में बदल दिया है। जिन युवाओं के घर में मुझे लोग अनाप-शनाप कहते हैं, उनके माता पिता तक, उन युवाओं का जब पत्र आता है तो एक बार मन उदास होता है। इसलिए नहीं कि मुझसे संपर्क किया है। इसलिए कि ये सब करने के बाद भी उन्हें नौकरी के लिए इतनी तकलीफ से गुज़रना पड़ रहा है। 

मैं रेलवे परीक्षा खासकर एन टी पी सी और लोको पायलट के बारे में कई बार लिख चुका हूं। बोल चुका हूं। एक बार इन्हीं में एक साथी ने मुझे कुछ स्क्रीन शाट भेजा। कहा कि जो लोग आपको गाली देते हैं वही आपका नंबर वायरल कर रहे हैं कि रवीश कुमार को मैसेज भेजो। एक बार एक परीक्षा को लेकर डाक्टरों का समूह मुझे खोजने लगा। एक साथी ने बताया कि अजीब है। जो तुमको गालियां देते हैं वही तुम्हारा नंबर खोज रहे हैं और तुमने उनकी बात उठा भी दी। मैं सुनता रहता हूं। अब किसी बात का असर नहीं होता है। मुझे पता है हमारा समाज चालू और स्वार्थी लोगों का समूह है। अपना काम कर भूल गया। जिन लोगों ने शुक्रिया के मैसेज भेजे उन्हें ब्लाक कर दिया। मुझे नेता तो बनना नहीं है कि भीड़ लेकर चलता हूं। 

मैंने साफ साफ कहा है कि जातिवादी और सांप्रदायिक युवाओं का मैं हीरो नहीं बनना चाहता। बड़ेृ-बड़े नेता ये बात नहीं बोल पाएंगे। दिन रात कांग्रेस को गाली देने वाली बीजेपी झट से कांग्रेसियों को मंत्री बना देती है। खैर ये सब चलता रहेगा। 

मुझे इस देश के युवाओं से वाकई कोई उम्मीद नहीं है। और यह तार्किक आधार पर कहता हूं। मैंने कई बार लिखा और बोला है कि हमारे युवाओं की पोलिटिकल क्वालिटी थर्ड क्लास है। यह भी शायद ही कोई कहने की हिम्मत जुटा पाए। पर मुझे लगता है कि यह सही है तो लिख देता हूं। 

फिर भी इन युवाओं से एक उम्मीद है। उनमें कुछ स्वाभिमान तो होना ही चाहिए। मुझे पत्र नहीं लिखना चाहिए। नौकरी ही तो नहीं मिलेगी वैसे भी मेरे लिखने बोलने से अब कहां मिलती है। 2019 का चुनाव था तो सरकार को लगा कि युवा नाराज़ हो जाएगा। चुनाव अब भी हैं मगर 2019 में आखिरी बार रोज़गार का मुद्दा सर उठाया था लेकिन उसे युवाओं ने ही कुचल दिया। जो भी नेता इस मुद्दे में हाथ डालेगा वो मुंह की खाएगा और उसका वक्त बर्बाद होगा। यह भी लिख कर बोलता हूं। जबकि चाहता हूं कि रोज़गार का मुद्दा सबसे आगे रहे। मगर उसे नेता नहीं, युवा आगे करें। 

चालाकी मुझे पसंद नही है। गाली देने वाले जब समूह बनाकर मेरा नंबर वायरल करते हैं और दना-दन मैसेज भेजने लगते हैं तब बुरा लगता है। यह भी एक तरह से अभद्रता है। किसी के इनबाक्स में दो सौ मैसेज भेज दें तो यह भी ट्रोल ही करना हुआ। देखने और डिलिट करने में दर्द होता है। वक्त बर्बाद होता है। यही नहीं जब प्रोग्राम कर देता हूं तब भी ये नहीं देखते। एक लाइन का मैसेज कर गायब हो जाते हैं। लोको पायलट पर हाल ही में प्राइम टाइम किया, फिर भी उसी वक्त मैसेज आते रहे कि लोको पायलट का मुद्दा उठा दीजिए। उसी तरह कल देस की बात में EWS की उम्र सीमा में छूट की मांग और DMRC में ओबीसी को आरक्षण नहीं देने की बात उठाई। उसके बाद भी मैसेज आते रहे कि प्लीज उठा दें। अर्थात, ये लोग अपना ही मुद्दा नहीं देखते हैं। 

चूंकि नियति ने मेरी सज़ा तय की है कि इन्हीं की बात लिखनी होगी तो एक और बात के लिए दो पत्रों को लिख रहा हूं। एक ने नाम नहीं लिखा था लेकिन जब पूछा तो बताया कि राजस्थान का है। रामकरण।

1.Hello रवीश कुमार जी, हम आपके आभारी है कि आप प्रतिदिन बेरोजगार युवाओं की आवाज बनते है लेकिन हम आपका ध्यान SSC के अभ्यर्थियों की तरफ खींचना चाहेगे।

SSC के खिलाफ बेरोजगार अभ्यर्थी अपनी आवाज लगातार उठा रहे है। इसी क्रम में प्रतिदिन SSC JE 2018 परीक्षा के अभ्यर्थी ट्विटर पर अपनी आवाज़ उठा रहे है लेकिन कोई सुनने को ही तैयार नही है।

गौरतलब है कि SSC JE 2018 का नोटिफिकेशन फरवरी 2019 में निकाला था। 

परीक्षा का पहला पेपर सितम्बर 2019 में हुआ था और मुख्य परीक्षा(tier2) दिसम्बर 2019 में हुई थी। मुख्य परीक्षा को लगभग 7 महीने बीत गये परन्तु अब तक परिणाम का अता पता नही है। 10,000 से ज्यादा अभ्यर्थी लगातार अपनी पीड़ा आयोग व सरकार के समक्ष रख रहे है की जल्द से जल्द परिणाम जारी किए जाए, लेकिन सरकार और SSC के कानों में जूँ तक नही रेंग रही है।

कोरोना के इस काल मे बेरोजागर युवा को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है, हमे आशा है कि आप हमारी आवाज़ सुनेगे और इसे सरकार के समक्ष रखेंगे।

धन्यवाद। 

2.Hello sir . 

My name is farahan ahamad .

Me Agra k chote se kasbe Bah ka niwasi hu ..mere pitaji darji h .

Maine SSC ka mains exam diya tha 29 Dec KO ..ghar walon KO umeed dilaayi ki Feb tak result aa jayega ..jis se Allah be chaha to selection ho jayega Je me sister ki shaadi se phle.

Lkn isi umeed ke beech me corona ne dastak de di.

Jo result 9 april 2020 KO aana tha vo delay ho gya .lkn SSC ne Je mains k baad huye exams k result diye lkn Je ka nahi diyaa ..is corona ki aad me sarkaar or aaayog ki laparvahiyon ki vjah se SUCIDE ka khyaal bhi aaya ..lkn maa baba ka khyaal aaya ki unhone hmko isliye nhi padhaya ki suicide Kr le 

Is time hm students pr itna torcher ho rhaa Hai ..itna mansik tanaav hai …vo sirf hm or aap samjhte h ..aap hmeshaa se hm students ki awaaz rahe hai .

Is waqt apse request h aap hmari baat KO rakhe …

Sarkaar ne to atmnirbhar Kr diyaa ….

7 mhine ho chuke h exam KO ..Abhi tk result nhi aaya ..

Ab kre to kya kre hr aayog ka yhi haal h ..

Engineers ki koi nhi suntaa.

Aap se request h sir .

Please please

आप सभी को शुभकामनाएं। आइये गाली दीजिए। कमेंट बाक्स खुला है। 

नोट- कई लोग कहते हैं कि मुझे कमेंट बाक्स बंद कर देना चाहिए. उसमें आई टी सेल की मानसिकता वाले केवल अभद्र फोटो पोस्ट कर चले जाते हैं। पोस्ट से कोई मतलब नहीं होता है। हर दिन सैंकड़ों लोग लिखते हैं। कमेंट की जगह को गालियों का कूड़ाघर बना दिया है। संवाद का लोकाचार खत्म कर दिया है इन लोगों ने। आप ही बताएं क्या करना चाहिए।

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