नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘स्पीक अप फॉर जॉब्स अभियान के तहत ट्वीट किया कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण करोड़ों नौकरियां चली गईं और जीडीपी में ऐतिहासिक गिरावट आई। उनके इस बयान पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इरफान अहमद ने पलटवार करते हुए बड़ा हमला बोला उन्होंने कहा कि कांग्रेस के महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती दिल्ली में एक ही कमरे में 21 कंपनी चलाती थी। सिर्फ और सिर्फ कागजों पर 6000 करोड़ की मालकिन बन बैठी थी। तब देश में अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत थी, अब वो मोदी सरकार ने फर्जी कंपनियां सब बंद करा दी, तो अब मंदी आ गई..!
जब मौनी बाबा मनमोहन सिंह ने अटलजी से देश का चार्ज लिया था। तब देश की जीडीपी 8.4% थी। फिर मौनी बाबा के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई तो देश के युवाओं ने सत्ता से मौनी बाबा को बेदखल कर दिया। उस समय जीडीपी 4.2% थी। गुलामों को वे गूंगे महान अर्थशास्त्री लगते हैं, वह धृतराष्ट्र बन कर बैठे रहे। मुल्क लुटता रहा मुल्क को लूटने वाले उनके अपने कांग्रेस के ही घोटालेबाज़ मंत्री थे।
चीन की सीमा के निकट अपना सिक्किम, जिसकी सड़कों की हालत खस्ता थी। डर की वजह से कांग्रेस सरकार उनका उत्तम निर्माण नहीं करा पाई। मोदी सरकार नेतृत्व में सिक्किम में एयरपोर्ट एवं सड़कों का उत्तम निर्माण कराया। जीडीपी पर देश को बरगलाने वाले कांग्रेसी नेताओं से मैं यह कहना चाहता हूं कि छह माह से कोरोना जैसी महामारी के कारण पूरा देश बंद है। पिछले 3 महीने से देश के 65% हिस्से में बाढ़ की स्थिति है। स्वभाविक है देश की अर्थव्यवस्था यानी जीडीपी घटेगी, बढ़ेगी नहीं। पूरी दुनिया ये देखकर हैरान है कि विश्व महाशक्ति चीन से हांगकांग नहीं संभल रहा और भारत के कश्मीर में शांति है।
पूरा हिदुस्तान जनता है जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक साधू के कहने पर कि उत्तर प्रदेश में एक जगह 1000 टन सोना दबा हुआ है, उस जगह की खुदाई शुरू करा दी थी परंतु हाथ कुछ नहीं लगा। गजब का अर्थशास्त्र है मनमोहनसिंह का। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मूर्खता की हद तो देखो धारा 370 के कारण SC का आदेश कश्मीर में लागू नहीं होता था। उसी धारा को बहाल करने की याचिका SC ने स्वीकार कर ली थी, देखो गजब न्याय प्रक्रिया।
जीडीपी गिरने को लेकर ज्यादा चिंता न करें, जो शख़्स 72 साल पुरानी बीमारी कश्मीर को एक झटके में ठीक कर सकता है। वह जीडीपी को भी संभालने की ताकत रखता है। उसकी नीयत साफ है और राष्ट्रहित में फैसले लेने की हिम्मत रखता है। मौनी बाबा के कार्यकाल में जिन लोगों ने देश को लूटा था मोदी सरकार उन लुटेरों से धन वापस देने की ताकत रखती है। कार्रवाई चल भी रही है लूट का पैसा सरकार के खजाने में वापस आएगा।
देशवासी चिंतित न हो कांग्रेस और दूसरे भी हारे हुए चोरों के दुष्प्रचार से परेशान ना हों। कुछ पत्रकारों जैसे अन्य बिकाऊ मीडिया के प्रौपेगैण्डा को समझें। काली कमाई बंद हो जाने से लोगों की क्रय शक्ति घटी है। इसी परिवर्तन को अर्थशास्त्र की भाषा में आर्थिक मंदी कहते हैं। जिस जमाने में एक प्रधानमंत्री ने कहा था “रुपये पेड़ पर नहीं उगते” उसी जमाने में उसका चहेता वित्त मंत्री गमलों में गोभी उगाकर रुपये उगा रहा था। देश केवल बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
देश का ट्रांसफॉरमेशन हो रहा है। चोरों डकैतों की बनाई कुव्यवस्था से बाहर निकल कर एक ईमानदार, पारदर्शी व्यवस्था को अपना रहा है, कालेधन की पोषित अर्थव्यवस्था को ठोकर मार देश नये भारत के निर्माण एवं आत्मनिर्भर की ओर अग्रसर है। थोड़ा सा कंपन स्वाभाविक है और ये थोड़ा सा कंपन ही अपने आप में दृढ़ अर्थव्यवस्था की आहट का द्योतक है।
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