नई दिल्ली : तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों द्वारा निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगहों पर किसानों के उग्र होने की संयुक्त किसान मोर्चे ने निंदा की है.
पिछले करीब 2 महीने से चल रहे किसान आंदोलन के तहत ट्रैक्टर परेड निकाले जाने के दौरान आज आईटीओ, लाल किला, नांगलोई, सिंघु, टिकरी बॉर्डर एवं अन्य जगहों पर आज किसानों द्वारा उपद्रव मचाने के बाद मोर्चे ने आधिकारिक यह बयान जारी किया.
संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं.
लेकिन हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा और खेद करते हैं, जो आज घटित हुई हैं और ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग करते हैं.
40 किसान संगठनों के इस मोर्चे ने कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे.
असामाजिक तत्वों ने अन्यथा शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की थी, हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा.
किसान नेताओं की तरफ से कहा गया कि अब 6 महीने से अधिक समय तक लंबा संघर्ष, और दिल्ली की सीमाओं पर 60 दिनों से अधिक का विरोध भी इस स्थिति का कारण बना, हम अपने आप को ऐसे सभी तत्वों से अलग कर लेते हैं.
जिन्होंने हमारे अनुशासन का उल्लंघन किया है, हम परेड के मार्ग और मानदंडों पर चलने के लिए सभी से दृढ़ता से अपील करते हैं और किसी भी हिंसक कार्रवाई या राष्ट्रीय प्रतीकों और गरिमा को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज़ में लिप्त नहीं होते हैं, हम सभी से अपील करते हैं कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें.
मोर्चे की तरफ से आगे कहा कि गया कि वह आज की बनाई गई योजना में किसान परेडों के संबंध में सभी घटनाओं की पूरी तस्वीर लेने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही एक पूर्ण विवरण साझा करेंगे, हमारी जानकारी यह है कि कुछ अफसोसजनक उल्लंघनों के अलावा, योजना के अनुसार परेड शांति से चल रही है.
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