नई दिल्ली : राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी, पीएम ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं, किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और पीएम का भी सम्मान रहेगा.

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताये कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे.

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टिकैत ने सरकार से कहा कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नये कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?

टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है, हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं, हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे.

टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है, किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे.

नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार को हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के लिए मंच तैयार करना चाहिए, हमें उम्मीद है कि बीच का कोई रास्ता निकलेगा, हम किसी को तिरंगे का अपमान नहीं करने देंगे, इसे हमेशा ऊंचा रखेंगे.

26 जनवरी को हुई हिंसा षड्यंत्र का परिणाम थी, इसकी समग्र जांच होनी चाहिए, हम नहीं चाहते कि सरकार या संसद हमारे आगे झुके, लेकिन वह किसानों के आत्म-सम्मान की भी रक्षा करे, पीएम मोदी ने जो कहा, हम उसका सम्मान करते हैं, उनकी गरिमा की रक्षा की जाएगी.