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जानिये स्कूलों की फीस के लिए हुये हैं क्या आदेश, कब से शुरू होगा शैक्षणिक कार्य

शमशाद रज़ा अंसारी

कोरोना वायरस के कारण छात्रों को हो रहे पढ़ाई के नुकसान को देखते हुये शासन ने स्कूलों को जुलाई के मध्य तक ऑनलाइन शैक्षणिक सत्र चालू करने के आदेश दे दिए हैं। स्कूलों तथा अभिभावकों में फीस को लेकर चल रही तनातनी को भी अपर मुख्य सचिव ने विराम दे दिया है। उन्होंने फीस जमा करने के विकल्प दिए हैं। स्कूलों को कोविड-19 से बचाव सम्बन्धी गाइडलाइन को पालन करने का आदेश भी दिया गया है। इसके अलावा 6 जुलाई के बाद ऑनलाइन क्लास के लिए प्रेरित करने को लेकर अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठक करने को भी कहा है।

अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला द्वारा जारी आदेश के अनुसार स्कूल मैनेजमेंट से कहा गया है कि वे 6 जुलाई से आगामी शैक्षणिक सत्र की तैयारी शुरू कर दें। स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे हर क्लास के लिए पाठ्यक्रम बना कर 15 जुलाई से ऑनलाइन शैक्षणिक कार्य आरंभ कर दें। अपर मुख्य सचिव ने अभिभावकों और स्कूलों के बीच चल रहे फीस के विवाद को विराम देते हुए कहा है कि सक्षम अभिभावकों को फीस देनी होगी। आदेश में कहा गया है कि ऐसे

अभिभावक भी फीस नहीं जमा करा रहे हैं, जिन्हें अपने नियोक्ताओं से नियमित वेतन मिला है, जो कि न्यायोचित नहीं है। नियमित वेतन भोगी अभिभावकों, सरकारी/अर्ध सरकारी संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों और इनकम टैक्स देने वाले अभिभावकों को फीस देनी ही चाहिए। 

यदि कोई अभिभावक आर्थिक कारणों से फीस देने की स्थिति में नहीं है तो उसे व्यक्तिगत रूप से अपनी आर्थिक स्थिति और फीस जमा न कराने के कारणों का उल्लेख करते हुए संबन्धित स्कूल में आवेदन करना होगा। स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे ऐसे प्रार्थना पत्रों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर अभिभावकों को किस्तों में फीस जमा कराने की अनुमति दें। परंतु यदि कोई अभिभावक फिर भी फीस जमा करने की स्थिति में नहीं है तो ऐसे मामले में बच्चों को ऑनलाइन क्लासों  से वंचित नहीं किया जाए।

किसी भी विवाद की स्थिति में अभिभावक जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष आवेदन कर सकते हैं। समिति को ऐसे विवादों का निबटारा एक सप्ताह के भीतर करना होगा। ये आदेश उत्तर प्रदेश में संचालित सभी शिक्षा बोर्डों के अधीन चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर एक समान रूप से लागू होंगे।

आराधना शुक्ला द्वारा जारी आदेश के अनुसार स्कूलों को स्कूल परिसर और फर्नीचर आदि को नियमित रूप से सैनिटाइज़ कराना होगा। विद्यालय में आने वाले टीचरों और सपोर्ट स्टाफ के टेम्परेचर की हर रोज जांच करनी होगी और यदि किसी कर्मचारी का टेम्परेचर अधिक पाया जाता है तो उसे स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही स्कूल प्रशासन की ओर से हैंडवाश और सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी करनी होगी। साथ ही सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का भी पालन करना होगा।

6 जुलाई के बाद स्कूलों में हो शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठक

आज (4 जुलाई) को जारी इस आदेश के अनुसार स्कूलों को 6 जुलाई के बाद अभिभावक-शिक्षक संघ की एक बैठक बुलाकर अभिभावकों को ऑनलाइन क्लासों के लिए प्रेरित करना होगा। स्कूलों को आवश्यकता के अनुसार विद्यालय परिसर में स्टॉल लगाकर पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करानी होगी।

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