नई दिल्ली : लोकसभा में कृषि बिलों के पास होने से नाराज पंजाब-हरियाणा के किसान न केवल मोदी सरकार के बल्कि अकालियों के खिलाफ भी बुरी तरह से भड़के हुए है, किसानो ने अपना आंदोलन तेज करते हुए अमृतसर और रोहतक में सड़कों को जाम कर दिया. उल्लेखनीय है कि इन क़ानूनों के विरोध में पंजाब की शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने पहले ही इस्तीफा दे दिया, हालांकि पंजाब के किसान उनके इस्तीफे से भी नाखुश बताए जा रहे है, अकाली दल पर आरोप लगे कि उसने कैबिनेट में अध्यादेश का समर्थन किया और जब वह बिल के रूप में संसद में रखा गया तो उसका विरोध कर रही है,हरियाणा के रोहतक में भी किसानों ने शनिवार को सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और नए बिल को वापस लेने की मांग की, ये किसान बिल का विरोध कर रहे हैं, उन्हें डर है कि सरकार नए कानून के सहारे उन्हें मिलने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य छीनना चाहती है और प्राइवेट खिलाड़ियों के हाथ कृषि क्षेत्र को सौंपना चाहती है.
रोहतक मंडी के अढातियों ने भी किसान बिल के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है और हड़ताल पर चले गए हैं, इस वजह से किसान भी परेशान रहे, हड़ताल की वजह से बाजरा, कपास समेत दीसरू फसलों की खरीद नहीं हो सकी, इस बीच, किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि 20 सितंबर को पहले जिला स्तर पर उपायुक्त कार्यालय का घेराव करेंगे, उसके बाद दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन दिल्ली कूच कर पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल पर धरना देंगे.
इसी बीच पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, मैं देश के किसानों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं, आप किसी भी भ्रम में मत पड़िए, जो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं, दरअसल वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं, वे बिचौलियों का साथ दे रहे हैं, वे किसानों की कमाई लूटने वालों का साथ दे रहे हैं.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई