नई दिल्ली: यूपी सरकार द्वारा कोटा में फंसे प्रदेश के छात्रों को लाने के लिए बसें भेजे जाने के क़दम से बिहार के सीएम नीतीश कुमार नाराज हैं, नीतीश ने एनडीटीवी से बातचीत में इस क़दम को लॉकडाउन के सिद्धांत के साथ नाइंसाफ़ी बताया है, उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को छात्रों को लाने के लिए 300 बसें भेजी थीं, कोटा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र काफी दिन से सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें कोटा से उनके घर ले जाने की गुहार लगा रहे थे, क्योंकि लॉकडाउन लागू होने के बाद कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं और ऐसे में वे वहां फंस चुके हैं,

बीजेपी के सहयोगी नीतीश कुमार का योगी सरकार के इस क़दम का विरोध करना मोदी सरकार के लिए मुसीबत बन सकता है, क्योंकि मोदी सरकार लगातार सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने पर जोर दे रही है, ऐसे में दूसरे प्रदेशों से छात्रों को बसों से लाने पर इन दोनों का ही पालन नहीं हो सकेगा और इसी पर नीतीश कुमार ने आपत्ति जाहिर की है, नीतीश ने कहा है कि योगी सरकार के इस क़दम से लॉकडाउन का मतलब ही ख़त्म हो जाएगा,

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बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस बारे में राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि उसे छात्रों को वापस लाने के लिए दी गई अनुमति को वापस ले लेना चाहिए, पत्र में लिखा है कि अगर आप छात्रों को अनुमति देते हैं तो फिर किस आधार पर ऐसे प्रवासी मजदूरों को रोकेंगे, जो दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं राजस्थान में वैसे भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, ऐसे में छात्रों के वापस आने से उनके इलाक़ों में भी वायरस का संक्रमण फैलने का ख़तरा है

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