नई दिल्ली/पटना: कोरोना काल में भूख और ग़रीबी से जूझ रहे लोगों के संकट को सरकार के सामने लाने के लिए देशव्यापी अभियान के तहत सीपीआई (एमएल) ने आज थाली पीटने का फ़ैसला लिया है, दिन में दो बजे 10 मिनट के इस कार्यक्रम के लिए उसने बिहार में व्यापक स्तर पर तैयारी कर रखी है, राज्य सचिव कुणाल ने सूबे के दलितों-गरीबों, भुखमरी के कगार पर खड़े निर्माण मजदूरों, अन्य दिहाड़ी मजदूरों, मनरेगा मजदूरों, रिक्शा-टेंपों-ई रिक्शा चालकों, निम्न मध्यवर्गीय तबकों और समाज के कामकाजी हिस्सों से इसमें बड़े पैमाने पर भाग लेने की अपील की है, इसके साथ ही पार्टी ने एक दिन के उपवास की भी अपील की है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर देश के गरीबों ने थाली भी बजाया और दीया भी जलाया, लेकिन उनकी थाली अभी तक खाली है, लोगों के सामने भुखमरी की समस्या मुंह बाये खड़ी है, इसलिए सरकार की पहली प्राथमिकता गरीबों के लिए राशन की व्यवस्था करनी की होनी चाहिए, लेकिन इन मामलों में सरकार बेहद उदासीन रवैया दिखा रही है, भूख के कारण लोगों की हालत खराब होते चली जा रही है, इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि सभी के लिए राशन की व्यवस्था तत्काल करें,
उन्होंने बिहार के प्रबुद्धजनों से भी थाली बजाने व उपवास कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है, कहा कि लोग अपने घरों से थाली बजाएं अथवा एक दिन का उपवास रखकर गरीबों के लिए सरकार से राशन की व्यवस्था करने की मांग करें, उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम के दौरान कोरोना से बचाव के रोकथाम के उपायों का सख्ती से पालन किया जाएगा, उन्होंने जनता से अपील की है कि कहीं भी भीड़ नहीं लगाएं, राज्य सचिव ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के जरिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश बेहद ही निंदनीय है, भाजपा व संघ के लोग तो इस काम को शुरू से ही करते आ रहे हैं, लेकिन उससे भी खतरनाक है प्रशासन का सांप्रदायिक हो जाना, यह लोकतंत्र के लिए गंभीर चेतावनी है,
बिहार के पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन के एक पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना को एक खास धर्म के लोगों से जोड़कर देखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, जिला प्रशासन ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि कोरोना फैलाने के उद्देश्य से 40 से 50 कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमानों के भारत में आने की सूचना मिली है, यह भी कहा कि जालितम मुखिया नाम का एक नेपाल का मुस्लिम भारत में कोरोना महामारी फैलाने की योजना बना रहा है, माले राज्य सचिव ने कहा कि प्रशासन इस तरह की सांप्रदायिक हरकत से बाज आए, इस तरह के पत्र-व्यवहार से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा ही, उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री से अपील की है कि कोरोना के नाम पर सांप्रदायिकता की राजनीति को सख्ती से रोकें