Header advertisement

गुड़गांव: लॉकडाउन के कारण आर्थिक किल्लत झेल रहे मजदूर ने की आत्महत्या

नई दिल्ली: 35 वर्षीय एक प्रवासी मजदूर छाबू मंडल ने गुड़गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, छाबू के चार बच्चे हैं और सबसे छोटे बच्चे की उम्र पांच माह है, छाबू की पत्नी के माता-पिता भी उसके साथ ही रहते हैं, छाबू पेंटर था लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही उसके पास कोई काम नहीं था, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, छाबू की पत्नी पूनम ने बताया कि पूरे परिवार ने बुधवार को पूरे दिन कुछ भी नहीं खाया था और उससे पहले वे लोग पड़ोसियों द्वारा बांटे जा रहे खाने पर निर्भर थे, इसलिए छाबू ने 2500 रुपये में अपना फ़ोन बेच दिया था और गुरुवार को वह एक पोर्टेबल पंखा और अपने परिवार के लिए कुछ राशन लेकर आया था,

गुरुवार को जब घर के लोग इधर-उधर व्यस्त थे तो मंडल ने अपनी झुग्गी की छत से रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, पूनम ने कहा, ‘लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही छाबू मुसीबत में था, उसके पास न तो काम था और न ही पैसा, हम लोग पूरी तरह लोगों द्वारा दिये जा रहे खाने पर निर्भर थे लेकिन यह भी हर दिन नहीं मिलता था,’ छाबू मूल रूप से बिहार का रहने वाला था, पूनम ने कहा कि परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा है और अब लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद वह आस-पास के घरों में कोई काम खोजेगी,

द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, गुड़गांव पुलिस और गुड़गांव जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि छाबू मानसिक रूप से परेशान था, एक अधिकारी ने कहा कि खाने की कमी से छाबू ने आत्महत्या नहीं की है क्योंकि परिवार के पास थोड़ा-बहुत खाना था और उनके पास में भोजन वितरण केंद्र भी है, लेकिन छाबू के ससुर का कहना है कि भोजन वितरण केंद्र बहुत दूर है और हम लोगों के लिए भूखे पेट वहां तक पहुंचना संभव नहीं था,

मुसीबत में हैं दिहाड़ी मजदूर

लॉकडाउन बंद होने के बाद से ही काम-धंधे ठप हैं और इसकी सबसे ज़्यादा मार रोज कमाने-रोज खाने वालों पर पड़ी है, महानगरों में बड़ी संख्या में मजदूर बिना काम के बैठे हैं और न तो उनके पास राशन है और न ही पैसे, सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा दिया जा रहा राशन मजदूरों के एक बड़े हिस्से को नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में हताश और निराश मजदूर आत्महत्या जैसा आत्मघाती क़दम उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *